इन दिनों राजनीति के गलियारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व बीसीसीआइ के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली को राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है। इससे पहले गुरुवार को सौरव गांगुली के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के उनके घर जाकर उन्हें शुभकामनाएं दी। इसके बाद गांगुली को लेकर इस चर्चा ने और जोर पकड़ लिया है।
आपको बता दें कि भाजपा काफी समय से सौरव को अपने खेमे में शामिल करने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सौरव को सीधे ममता के खिलाफ खड़ा करने की पुरजोर कोशिश की थी, लेकिन सौरव ने साफ तौर पर कह दिया था कि अभी उनकी राजनीति में कदम रखने की कोई योजना नहीं है। दरअसल, ममता के साथ सौरव के बेहद अच्छे संबंध हैं। सौरव को बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनाने में ममता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि, बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने के बाद सौरव ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस साल जनवरी में सौरव को जब दिल का दौरा पड़ा था, तब ममता उन्हें देखने अस्पताल भी गई थीं। अब ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि ममता ने राज्यसभा सदस्यता को लेकर उनसे बातचीत की है। ध्यान रहे कि दिनेश त्रिवेदी के टीएमसी छोड़ने व राज्यसभा पद से इस्तीफा देने और मानस भुइयां के ममता सरकार में मंत्री बनने के कारण राज्यसभा में दो पद रिक्त हैं। इस बारे में टीएमसी ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, मगर बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि सौरव अगर राज्यसभा सदस्य बनते हैं तो भला इसमें मुझे क्या आपत्ति हो सकती है। आपको बता दें कि, सौरव गांगुली इस समय बीसीसीआइ के अध्यक्ष हैं और वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान भी रह चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया 2003 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी तो वहीं गांगुली ने भारतीय टीम की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाई थी।