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बीसीसीआई ने दो नई आईपीएल टीमों के लिए नीलामी कराई थी, BCCI ने कहा- सब कुछ सही है...
Shiddhant Shriwas
28 Oct 2021 2:29 AM GMT
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बीसीसीआई ने अगले आईपीएल में दो नई टीमें शामिल की हैं लेकिन इनकी नीलामी के बाद ही भारतीय बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने पड़ रहे हैं
बीसीसीआई (BCCI) ने आईपीएल (IPL) के अगले सीजन में दो नई टीमों को शामिल करने के लिए नीलामी आयोजित की थी जिसमें इसे दो नई टीमों के मालिक मिल गए. संजीव गोयनका ने लखनऊ फ्रेंचाइजी को अपने नाम किया तो वहीं सीवीसी कैपिटल ने अहमदाबाद फ्रेंचाइजी को अपनी झोली में डाला. लेकिन इसके बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. संजीव गोयनका के पास इंडियन सुपर लीग की टीम एटीके मोहन बागान का भी मालिकाना हक है और इसमें बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल हैं. ऐसे में हितों के टकराव का मुद्दा बना रहा था लेकिन गांगुली ने फुटबॉल क्वब से अपना नाता तोड़ इसे खत्म कर दिया हे लेकिन सीवीसी के साथ दूसरा मुद्दा है.
सीवीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सट्टेबाजी में जुड़ी हुई है. आईपीएल के पूर्व गर्वनर नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट से इस बात को उजागर किया. उन्होंने लिखा, "मुझे लगता है कि सट्टेबाजी कंपनियां आईपीएल टीम खरीद सकती हैं. ये निश्चित तौर पर नया नियम होगा क्योंकि एक क्वालीफाई बिडर सट्टेबाजी कंपनी का मालिक है. क्या बीसीसीआई ने अपना होमवर्ग नहीं किया? इस तरह के मामले में एंटी करप्शन क्या कर रहा है?
इनसे है नाता
सीवीसी कैपिटलस पार्टनस द्वारा जारी किए गए बयानों की मानें तो उसका टिपिको नाम की कंपनी में बड़ा हिस्सा है. इस कंपनी का बेस जर्मनी में काफी मजबूत है, 2016 में यूके की स्काय बेटिंग और 2014 में गेमिंग में भी इस कंपनी ने कदम रखा था. इन जगहों पर सट्टेबाजी को मान्यता मिली हुई है. इनमें से किसी का भी काम भारत में नहीं है. हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि बोर्ड ने सभी चीजें देखने के बाद सीवीसी को मान्यता दी है. अधिकारी ने बताया, "प्राइवेट कंपनियां हमेशा से अलग-अलग कंपनियों में निवेश करती हैं. इसलिए जब तक वह उस कंपनी में निवेश नहीं करती हैं जो भारतीय नियम के अनुसार बैन हो तो इसमें कोई समस्या नहीं है."
ऐसा पता चला है कि बीसीसीआई ने बुधवार को सीवीसी के निवेश की एक बार और जांच की है और पता लगाने की कोशिश की है कि बिड सबमिट करते हुए उनकी तरफ से कुछ ऐसा तो नहीं रह गया जो अघोषित हो. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, "बिड करने वाली किसी भी कंपनी ने जीतने वाली कंपनी के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं उठाया है."
अडानी समूह मायूस
संजीव गोयनका की कपंनी ने 7,090 करोड़ रुपये देते हुए लखनऊ फ्रेंचाइजी अपने नाम की. वहीं सीवीसी ने 5,625 करोड़ रुपये में अहमदाबाद की फ्रेंचाइजी हासिल की. लेकिन एक बार फिर अडानी समूह आईपीएल टीम अपने नाम करने में असफल रहा. इससे पहले अडानी समूह 2010 में भी आईपीएल टीम अपने नाम करने में असफल रहा था.
Shiddhant Shriwas
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