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बल्लेबाज शेफाली वर्मा को टेस्ट पदार्पण पर शतक पूरा नहीं कर पाने का 'हमेशा मलाल' रहेगा

Ritisha Jaiswal
18 Jun 2021 10:19 AM GMT
बल्लेबाज शेफाली वर्मा को टेस्ट पदार्पण पर शतक पूरा नहीं कर पाने का हमेशा मलाल रहेगा
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भारत महिला टीम की युवा ‘धाकड़’ बल्लेबाज शेफाली वर्मा को टेस्ट पदार्पण पर शतक पूरा नहीं कर पाने का ‘हमेशा मलाल’ रहेगा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत महिला टीम की युवा 'धाकड़' बल्लेबाज शेफाली वर्मा को टेस्ट पदार्पण पर शतक पूरा नहीं कर पाने का 'हमेशा मलाल' रहेगा लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ इकलौते टेस्ट मैच में 96 रन की शानदार पारी खेलने वाली इस 17 साल की खिलाड़ी ने कहा कि इससे अगली बार अच्छा करने के लिये उनका मनोबल बढ़ा है। शेफाली ने गुरूवार को यहां अपने अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 152 गेंद में 96 रन बनाये। उन्होंने इस दौरान 13 चौके और दो छक्के लगाये। टेस्ट पदार्पण पर किसी भारतीय महिला का यह सर्वोच्च स्कोर है। टेस्ट क्रिकेट में यह भारतीय महिला टीम की ओर से महज दूसरा छक्का लगाने वाली शेफाली केट क्रॉस की गेंद पर बड़े शॉट के साथ शतक पूरा करने के चक्कर में कैच आउट हो गयी।

दूसरे दिन के खेल के बाद शेफाली ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''शतक (पदार्पण) से चूकने पर बुरा महसूस करना स्वाभाविक है। मुझे इसका हमेशा पछतावा रहेगा, लेकिन यह पारी मुझे आने वाले मैचों में काफी आत्मविश्वास देगी। मैं अगली बार इसे शतक में बदलने की उम्मीद करूंगी।''
हरियाणा की खिलाड़ी ने बाद में ट्विटर के जरिये समर्थन और साथ देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, ''मैं समर्थन और शुभकामनाओं के लिए आप सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं। प्रत्येक संदेश का व्यक्तिगत रूप से जवाब देना संभव नहीं होगा। मुझे इस टीम का हिस्सा होने और टीम में इस तरह के अद्भुत साथियों और सहायक कर्मचारियों के होने पर गर्व है।''
उन्होंने कहा, ''मुझे पता है कि मेरे पिता, मेरा परिवार, मेरा संघ, मेरी टीम और अकादमी उस चार रन की कमी को मुझसे ज्यादा महसूस करेंगे लेकिन मैं किसी अन्य मौकों उसे पूरा करूंगी। उन सभी ने मेरा काफी समर्थन किया है।''
अपनी पारी के दौरान शेफाली ने टेस्ट पदार्पण पर 1995 में न्यूजीलैंड के खिलाफ चंद्रकांता कौल की 75 रन की पारी को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़ी भारतीय (महिला) पारी का रिकार्ड अपने नाम किया। उन्होंने कहा, '' मैं जब भी किसी बड़े मैच या श्रृंखला में खेलने जाती हूं तो हमेशा आत्मविश्वास बनाये रखती हूं, मैं अपनी उम्र कभी नहीं गिनती हूं। मैं सिर्फ इस बारे में सोचती हूं कि अपनी टीम का समर्थन कैसे करूं और सर्वोत्तम संभव तरीके से कैसे योगदान करूं।''
शेफाली ने सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना (78) के साथ पहले विकेट के लिए 167 रन की साझेदारी कर भारतीय पारी की मजबूत नींव रखी। यह नया भारतीय रिकार्ड भी हैं । इससे पहले शुरूआती विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड गार्गी बनर्जी और संध्या अग्रवाल के नाम था जिन्होंने 1984 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई में 153 रन जोड़े थे।
स्मृति के बारे में पूछे जाने पर शेफाली ने कहा,'' हम हमेशा एक दूसरे का समर्थन करते हैं और एक दूसरे को समझते हैं। वह हमेशा मेरा मार्गदर्शन करती हैं, इससे मुझे बहुत मदद मिलती है।''






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