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रणजी ट्रॉफी 2021-22 में बड़ौदा के लिए खेल रहे विष्णु सोलंकी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है
रणजी ट्रॉफी 2021-22 में बड़ौदा के लिए खेल रहे विष्णु सोलंकी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन के पहले मैच के बाद उनकी नवजात बेटी की मौत हो गई थी, जिसके बाद उनको कटक से वडोदरा आना पड़ा। उन्होंने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार किया और फिर दूसरे मैच के लिए भुवनेश्वर निकल गए और दूसरे मैच में मौका मिला तो उन्होंने शतक जड़ दिया। हालांकि, दूसरे मैच के चौथे दिन विष्णु सोलंकी को एक बार फिर से बेहद बुरी और दर्दनाक खबर मिली।
दरअसल, बड़ौदा के लिए चंडीगढ़ के खिलाफ मुकाबला खेल रहे विष्णु सोलंकी को मैच के आखिरी दिन की सुबह खबर मिली कि उनके पिता का देहांत हो गया है।इस तरह विष्णु सोलंकी पर दुखों का पहाड़ तो टूटा, लेकिन वे डगमगाए नहीं और उन्होंने अपनी टीम के साथियों को और अपने घरवालों को बता दिया था कि वे पहले मैच खत्म करेंगे और फिर घर के लिए रवाना होंगे और अपने पिता का अंतिम संस्कार करेंगे। ये एक 29 साल के क्रिकेटर के जीवन का सबसे दुखद पल रहा होगा।
बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद टीम के साथ जुड़े विष्णु सोलंकी को दूसरे मैच में मौका मिला और उन्होंने शतकीय पारी खेली। उन्होंने 165 गेंदों में 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए। ये उनके लिए शतक के सेलिब्रेशन के समय इमोशन पल था, लेकिन मैच खत्म होते-होते उनको क्या पता था कि उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा, क्योंकि सिर से पिता का साया उठ जाना अपने आप में बहुत भावुक बात होती है।
Ritisha Jaiswal
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