खेल
ओलिंपिक से पहले एथलेटिक्स फेडरेशन ने उठाया बड़ा कदम, पटियाला के साई सेंटर में लगवाई खास मशीन
Apurva Srivastav
29 May 2021 6:03 PM GMT
x
टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के लिए भारत सरकार हर मुमकिन कोशिश करना चाहती है
टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के लिए भारत सरकार हर मुमकिन कोशिश करना चाहती है. इसी कड़ी में उन्होंने भारतीय जैवलिन थ्रोअर्स के लिए पटियाला के साई सेंटर में खास मशीन लगवाई हैं. जर्मनी और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश बन गया है, जिसने अपने जैवलिन थ्रोअर्स को उनकी ताकत और रफ्तार बढ़ाने में सहायता करने के लिए विशेष मशीनें हासिल की हैं.
ये शक्ति प्रशिक्षण मशीनें नेताजी एनआईएस पटियाला में शुक्रवार को लगाई गईं. भारतीय एथलेटिक्स महासंघ साल 2020 की शुरुआत से ही चीन से यह खास मशीनें खरीदने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, लेकिन महामारी के प्रकोप के कारण मशीनें आने में देरी हो गई. इन मशीनों से ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके शिवपाल यादव और नीरज चोपड़ा की काफी मदद होगी.
खिलाड़ी जल्द शुरू करेंगे अभ्यास
मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'यह एथलीटों को फेंकने की ताकत विकसित करने में मदद करता है. इन मशीनों से निश्चित रूप से भारत के जैवलिन फेंकने वालों को फायदा होगा. वे जल्द ही जर्मन कोच उवे होन और बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ डॉ क्लॉस बार्टोनिट्ज़ की देखरेख में इन मशीनों पर प्रैक्टिस शुरू करेंगे.' इसके साथ ही उनका चोट लगने का जोखिम भी कम हो जाता है.
जैवलिन थ्रो में भारत को ओलिंपिक में सबसे ज्यादा उम्मीदें नीरज चोपड़ा से है. उनका मानना है कि टोक्यो ओलिंपिक में राह आसान नहीं है, लेकिन लक्ष्य पाने के लिए 100 फीसद प्रयासरत हूं. पहले अभ्यास के दौरान भाला 84 मीटर तक जाता था, अब बढ़कर 87 मीटर हो गया है. नीरज कहते हैं, 'उम्मीद थी कि 2021 में अफ्रीका में विश्व के नामचीन थ्रोअर के साथ अभ्यास करूंगा और ओलंपिक से पहले की तैयारी का आकलन हो जाएगा. लेकिन, कोरोना के कारण डायमंड लीग व अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शिरकत नहीं कर पाया. इसका मलाल है. देशवासी पदक की उम्मीद लगाए हुए हैं. देसी और विदेश कोचों के मार्गदर्शन और समुचित अभ्यास से ओलिंपिक पदक जीतने का लक्ष्य पूरा करूंगा.'
Next Story