घुड़सवारी, 1900 में एक ओलंपिक में खेल बन गया था. इस खेल को 1982 में एशियाई खेलों के कार्यक्रम में शामिल किया गया था. जापान ने पिछले कुछ वर्षों में एशियन गेम्स में इस खेल पर अपना दबदबा बनाया है, उसने 18 स्वर्ण सहित 43 पदक जीते हैं. कोरिया के पास 15 स्वर्ण पदक हैं.
भारत ने एशियाई खेलों में इससे पहले घुड़सवारी में तीन स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और छह कांस्य पदक जीते थे (यानी कुल मिलाकर 12 पदक). घुड़सवारी में भारत के लिए तीनों स्वर्ण पदक दिल्ली 1982 में आए थे. रघुबीर सिंह, जो उस संस्करण में व्यक्तिगत स्पर्धा में चैंपियन बने थे. उन्होंने गुलाम मोहम्मद खान, बिशाल सिंह और मिल्खा सिंह के साथ टीम स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता था. रूपिंदर सिंह बराड़ ने व्यक्तिगत टेंट पेगिंग में स्वर्ण पदक जीता, यह श्रेणी केवल उस संस्करण में एशियाई खेलों में थी.
जकार्ता 2018 में, ओलंपियन फवाद मिर्जा ने व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक जीता. राकेश कुमार, आशीष मलिक, जितेंदर सिंह और फवाद मिर्जा की चौकड़ी ने भी टीम इवेंट वर्ग में पोडियम पर दूसरे स्थान पर रही थी. खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने घुड़सवारी के टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम को बधाई दी है.