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ICIJ का एक और नया खुलासा, क्या सचिन भी इसमें शामिल, पनामा पेपर मामला क्या?

Shiddhant Shriwas
4 Oct 2021 2:30 AM GMT
ICIJ का एक और नया खुलासा, क्या सचिन भी इसमें शामिल, पनामा पेपर मामला क्या?
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इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने एक बार फिर टैक्स चोरी की जांच की है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने एक बार फिर टैक्स चोरी की जांच की है और बड़े रहस्य का पर्दाफाश किया है. 2016 में लीक हुए पनामा पेपर मामले में बड़े-बड़े कारोबारियों का टैक्स चोरी में नाम आया था. अब फिर से ICIJ ने दावा किया है कि टैक्स चोरी में भारतीय हस्तियां भी शामिल हैं. इसमें भारतीय दिग्गज खिलाड़ी का नाम भी सामने आ रहा है.

ICIJ की रिपोर्ट में क्या मिला?

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत की कई हस्तियां पनामा पेपर लीक के बाद संभल कर रही हैं, जिससे उनकी टैक्स चोरी का पर्दाफाश न हो सके. ICIJ ने 1.19 करोड़ दस्तावेजों को खंगाला था, जिसमें 117 देशों के 600 रिपोर्टर्स जुटे रहे थे. दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी इस लिस्ट में शामिल हैं.

सचिन तेंदुलकर का इससे क्या लेना-देना?

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम भी इस जांच में सामने आया है. ICIJ के मुताबिक सचिन पनामा पेपर लीक मामले के 3 महीने बाद अपनी ब्रिटिश आइलैंड की संपत्ति को बेचने में जुट गए थे. रिपोर्ट में 60 से ज्यादा भारतीयों के बारे में सबूत जुटाए गए हैं और जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.

भारत में कौन ICIJ की लिस्ट में शामिल?

2016 में हुई जांच में ये सामने आया था कि भारत के कई सरकारी अधिकारी, यहां तक कि खेल और सिनेमा जगत के कई बड़े सितारे भी इसमें शामिल थे. इसी साल जुलाई में भारत सरकार ने एक खुलासा किया था जिसमें पनामा पेपर से जुड़ी 20,078 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला था.

पनामा पेपर लीक मामला क्या था?

दरअसल, इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने 2016 में एक जांच की थी, जिसमें दुनिया भर के कई नामी लोगों की टैक्स चोरी के बारे में पता चला था. इस जांच में जॉर्डन के राजा, यूक्रेन, केन्या और ईक्वाडोर के राष्ट्रपति, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोने ब्लेयर शामिल थे. इतना ही नहीं इसमें भारत, अमेरिका और रूस जैसे देशों के 130 अरबपतियों के नाम सामने आए थे.

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