अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के सालाना पुरस्कारों में इस बार भारतीय एथलीट्स का दबदबा रहा। इससे बौखलाए ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम ने आपत्ति जताई और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए।
अब हॉकी इंडिया ने बेल्जियम को करारा जवाब दिया है। हॉकी इंडिया बेल्जियम के व्यवहार को नस्लीय भेदभाव करार दिया है। बेल्जियम के रवैये से हॉकी इंडिया बेहद खफा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ से इस मामले की जांच करवाने के लिए कहा है।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोम्बाम ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेल को पत्र लिखा है। इस पत्र में ज्ञानेंद्रो ने कहा कि बेल्जियम और उसके खिलाड़ियों का मकसद भारतीय पुरस्कार विजेताओं का अपमान करना और उनकी उपलब्धियों को नीचा दिखाना था।
निंगोम्बाम ने पत्र में लिखा- यह खेल भावना का अपमान करना है। इस मामले पर जांच की जरूरत है, जिसे मैं नस्लीय भेदभाव के रूप में देखता हूं।
इस बार एफआईएच के सालाना पुरस्कारों में भारतीय एथलीट्स का दबदबा रहा और उन्होंने सभी पुरस्कार जीतकर सभी को हैरान कर दिया। यह बेल्जियम हॉकी को हजम नहीं हुई और उन्होंने सवाल उठाकर मामले को तूल दे दी।