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अजिंक्य रहाणे को इस बीमारी का इलाज जल्द ही ढूंढना होगा...वरना...

Gulabi
7 Feb 2021 9:31 AM GMT
अजिंक्य रहाणे को इस बीमारी का इलाज जल्द ही ढूंढना होगा...वरना...
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चेन्नई में मेहमान इंग्लैड के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट के तीसरे दिन वह हुआ

चेन्नई में मेहमान इंग्लैड के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट के तीसरे दिन वह हुआ, जिसकी चर्चा दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी लंबे समय तक करेंगे. और यह था इंग्लिश कप्तान जो. रूट (Joe Root) का भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) का अपनी बायीं तरफ हवा में उड़ते हुए पकड़ा गया कैच. क्रिकेटप्रेमी इस कैच को बार-बार देखेंगे और अवाक रह जाएंगे, लेकिन इस कैच ने अजिंक्य रहाणे की उस 'बीमारी' को बहुत ही ज्यादा बढ़ा दिया है, जो पिछले करीब पांच साल से चली आ रही है और वास्तव में अब यह एक तरह से कैंसर में तब्दील हो गयी है और रहाणे (Ajinkya Rahane) को जल्द से जल्द इसका इलाज ढूंढना होगा.चेन्नई के तीसरे दिन भारतीय उप-कप्तान फुलटॉस पर आगे निकलकर शॉर्ट-कवर के ऊपर से मारने की कोशिश में रूट के हाथों लपके गए. डोम बेस की गेंद पर लपके जाने से पहले रहाणे सिर्फ एक ही रन बना सके. इस आउट होने ने उनका औसत हालिया समय में घर में और खराब कर दिया.



बता दें कि इंग्लैंड के साल 2016-17 में भारत दौरे से अजिंक्य रहाणे ने भारतीय धरती पर खेली 29 पारियों में सिर्फ 32.33 का औसत निकाला है. वास्तव में यह वह बात है कि रहाणे जैसे बल्लेबाज को शोभा नहीं देती क्योंकि वह तकनीक और कौशल दोनों ही पहलुओं से एक पूर्ण बल्लेबाज हैं और उनसे घरेलू पिचों पर ही नहीं, बल्कि बाहर भी बेहतर औसत की उम्मीद की जाती है. पुजारा के बाद तकनीक के लिहाज से रहाणे का उदाहरण दिया जाता है, लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं होती. असल बीमारी तो अब शुरू होती है.
दरअसल पिछले करीब पाच साल में भारत में खेली 29 पारियों में से अजिंक्य रहाणे 19 पारियों में स्पिनर का शिकार हुए और स्पिनरों के खिलाफ रहाणे का औसत 25.31 रन रहा है और यह बहुत ही चिंता की बात है. चिंता की बात इसलिए है क्योंकि ऐसा नहीं है कि रहाणे घर में स्पिनरों के खिलाफ कहीं से भी कमजोर बल्लेबाज हैं.पर कुछ न कुछ उनके साथ गलत जरूर जा रहा है, जिस वजह से घर में स्पिनरों के खिलाफ उनके आउट होने की संख्या बढ़ती जा रही है और औसत में गिरावट हो रही है. ऐसे में इस वजह को रहाणे को टीम मैनेजमेंट की नजरों में आने से पहले ही ढूंढना होगा. वर्ना कहीं ऐसा न हो कि भारतीय कप्तान विराट कोहली किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अचानक से ही इसका जिक्र कर दें. पुजारा का धीमा स्ट्राइक-रेट का विषय ध्यान है न रहाणे भाई, जब कुछ साल पहले उन्हें विंडीज में ड्रॉप कर दिया गया था. तो भाई मेरे इससे पहले घर में स्पिनरों के खिलाफ आपका औसत और खराब हो, जल्द से जल्द 'सलाहकारों' से बात कर इस बीमारी का हल खोज लें.



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