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नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय टीम के हाल के शानदार प्रदर्शन और इस खेल के प्रति लोगों की बढ़ती दिलचस्पी ने ही पुरुष और महिला टीमों को आगामी एशियाई खेलों में शामिल करने के लिए पेरित किया। हांगझोउ खेलों में भारतीय पुरुष और महिला फुटबॉल टीमों की भागीदारी पर पहले संशय बना हुआ था क्योंकि पहले खेल मंत्रालय का टीमों को भेजने का मापदंड महाद्वीप में शीर्ष आठ रैंकिंग हासिल करना था। लेकिन खेल मंत्रालय ने बाद में एआईएफएफ की अपील पर दोनों टीमों के मापदंड में राहत दी।
मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की थी। भारतीय पुरुष टीम ने इस साल के शुरु में त्रिकोणीय टूर्नामेंट, इंटरकांटिनेंटल कप और सैफ चैम्पियनशिप जीती थी जिसकी बदौलत वह फीफा रैंकिंग में पहली बार 99वें स्थान पर पहुंचने में सफल रही जिससे लगातार सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
पूर्व भारतीय गोलकीपर चौबे ने कहा, ‘‘हमारे यूट्यूब चैनल पर सैफ चैम्पियनशिप की संयुक्त दर्शकों की संख्या में काफी प्रभावशाली तेजी दिखी जिसमें हमारी महिला टीम की ओलंपिक क्वालीफाइंग के दूसरे दौर में प्रगति भी शामिल थी। उन्होंने कहा, यह देखना सुखद है कि पिछले कुछ महीनों में पूरा देश भारतीय फुटबॉल की प्रगति देख रहा है और टीम का समर्थन कर रहा है। इन सभी ने हमें केंद्र से अपील करने के लिये प्रेरित किया।
भारत इस समय एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के अंतर्गत देशों में 18वीं रैंकिंग पर काबिज है। लेकिन एशियाई खेलों में 23 प्रतिस्पर्धी देशों में भारत 13वें स्थान पर है क्योंकि इराक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और जोर्डन इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। तीसरी रैंकिंग की ऑस्ट्रेलियाई टीम एशियाई खेलों में नहीं खेलती।
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