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भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ दिनों ने खिलाड़ियों की कमाई, वेतन और भुगतान का मसला उठा है.
भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ दिनों ने खिलाड़ियों की कमाई, वेतन और भुगतान का मसला उठा है. घरेलू क्रिकेटर तो दूर, भारत की पुरुष और महिला टीमों को भी उनका भुगतान न होने की खबरें उठी थीं, जिसमें से सबसे ज्यादा बवाल महिला टीम को पिछले साल के टी20 वर्ल्ड कप की इनामी राशि के अब तक न बांटे जाने की खबर से हुआ था. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने जूनियर, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भुगतान का भरोसा दे चुका है, लेकिन इन सबसे अलग हमेशा आम क्रिकेट फैंस की नजर से दूर रहने वाले स्कोरर्स ने बोर्ड से बेहतर आर्थिक सहायता के लिए गुहार लगाई है.
लंबे समय से भारतीय क्रिकेट सिस्टम का हिस्सा रहे कई स्कोरर्स रिटायर हो चुके हैं, लेकिन बोर्ड की ओर से उन्हें रिटायरमेंट के बाद कोई भी सुविधा नहीं मिलती. ऐसे में बीसीसीआई से जुड़े 17 रिटायर्ड स्कोरर्स ने बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को एक ई-मेल के जरिए रिटायरमेंट सुविधाओं का आग्रह किया है. इसके साथ ही रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने की अपील भी की है.
स्कोररों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की मांग
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई क्रिकेट संघ के वरिष्ट स्कोरर रह चुके विवेक गुप्ते के नेतृत्व में देशभर के 17 रिटायर्ड स्कोररों ने पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष को ई-मेल के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर तबके की मदद की विनती की है. गुप्ते ने पीटीआई से बात करते हुए कहा,
"हम बीसीसीआई से स्कोररों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की मांग कर रहे थे, बीसीसीआई ने अब अंपायरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ा दी है. हमने अपने रिक्वेस्ट मेल में बताया है कि ये सभी रिटायर हो चुके सीनियर स्कोरर करीब 3 दशकों तक स्कोरिंग करते रहे."
रिटायरमेंट लाभ और मेडिकल कवर मिले
गुप्ते ने बताया कि स्कोरिंग के काम से जुड़े कई लोगों ने इसे पेशे के बजाए अपने जुनून के तौर पर अपनाया और इसके चलते कई आर्थिक रूप से सक्षम होने के मौकों को जाने दिया. गुप्ते ने मेल में रिटायरमेंट लाभ के बारे में बात करते हुए कहा, "इसलिए, ये आग्रह किया गया है कि एक रिटायरमेंट नीति बनाकर शुरू की जाए, जिसके तहत रिटायर हो चुके स्कोररों को एक तय मासिक पेंशन या एक बार में एकमुश्त राशि के रूप में रिटायरमेंट लाभ दिया जाए और साथ ही मेडिकल कवर सुविधा भी दी जाए."
स्कोररों को मिलते हैं एक दिन के 10 हजार रुपये
गुप्ते ने उम्मीद जताई कि भारतीय बोर्ड एक अच्छी योजना के साथ आएगा, जिसका स्कोररों को फायदा मिलेगा. फिलहाल भारतीय स्कोररों को किसी भी मैच के लिए एक दिन के 10 हजार रुपये मिलते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में घरेलू स्तर पर क्रिकेट मैचों के अभाव में स्कोररों की आय प्रभावित हुई है, जबकि रिटायर हो चुके स्कोररों को इस दौर में सबसे ज्यादा संघर्ष करना पड़ा है, जिसके चलते ही बोर्ड को इस बारे में चिट्ठी लिखकर सुविधा की मांग की गई है.
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