खेल
25 साल पहले इसी दिन फूटा था दर्शकों का गुस्सा, स्टेडियम में लगाई गई थी आग, रोने लगे थे कांबली
jantaserishta.com
13 March 2021 7:55 AM GMT
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भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 13 मार्च 1996 को बदनुमा दाग दे जाने वाले दिन के तौर पर हमेशा याद किया जाता रहेगा. ये एक ऐसा दिन था जिसे भारतीय क्रिकेट का कोई भी फैन याद नहीं रखना चाहेगा. 25 साल पहले इसी दिन भारत और श्रीलंका की टीमों के बीच वर्ल्ड कप के सेमिफाइनल हुआ था.
इस सेमीफाइनल मैच के बारे में सोचने पर अब भी नाराज प्रशंसकों और आंसुओं से भरे विनोद कांबली के चेहरे की याद जेहन में ताजा हो जाती है. भारतीय बल्लेबाजी के ढहने के बाद दर्शक अनियंत्रित हो गए थे और उनके बुरे बर्ताव के कारण मैच पूरा नहीं हो सका और इसे श्रीलंका के नाम कर दिया गया.
भारतीय टीम 252 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 98 रन पर एक विकेट गंवाकर अच्छी स्थिति में थी, लेकिन सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद टीम का बल्लेबाजी क्रम ढह गया और उसका स्कोर आठ विकेट पर 120 रन हो गया.
दर्शकों ने इसके बाद मैदान पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दी और स्टेडियम के एक हिस्से में बैठने के स्थान पर आग लगा दी थी जिसके बाद मैच रैफरी क्लाइव लाइड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया.
वर्ल्ड कप 1996 के सेमीफाइनल को भारत की हार से ज्यादा कांबली की रोती हुई तस्वीरों, ईडन गार्डेंस में आगजनी और मैदान पर दर्शकों की ओर से फेंकी गईं बोतलों, चप्पलों, जूतों के लिए याद किया जाता है.
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