23 साल के कप्तान का कोहराम, फाइनल मैच में सिर्फ 13 गेंदों पर ही बदल दिया नजारा
इंग्लैंड में इस वक्त क्रिकेट का मौसम चल रहा है. हर तरफ कोई न कोई लीग, सीरीज या टूर्नामेंट जोरों पर है. ऐसे में 19 सितंबर को एक बड़े टूर्नामेंट का समापन हुआ. रॉयल लंदन वनडे कप अपने फाइनल मुकाबले के परिणाम के साथ विराम तक पहुंचा. इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला ग्लैमॉर्गन और डरहम के बीच खेला गया . ग्लैमॉर्गन फाइनल मुकाबला जीतते हुए टूर्नामेंट का चैंपियन बना. उसे खिताब जिताने वाले रहे उसके 23 साल के कप्तान, जिन्होंने सिर्फ 13 गेंदों पर ही नजारा बदल दिया.
मुकाबले में पहले ग्लैमॉर्गन ने बैटिंग की और 50 ओवरों में 9 विकेट खोकर 296 रन बनाए. जवाब में डरहम की टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल सकी और 45.1 ओवर में 238 रन पर पूरी टीम ऑलआउट हो गई. डरहम की टीम ये मुकाबला 58 रन से हार गई. दोनों टीमों की जीत और हार के बीच खड़े हुए 58 रन के इस फर्क को पैदा किया ग्लैमॉर्गन के 23 साल के कप्तान किरन कार्लसन ने, कैसे अब जरा वो समझिए.
82 रन में से 58 रन कप्तान कार्लसन ने 13 गेंदों पर जमाए
कप्तान किरन कार्लसन ने पहले बैटिंग करने उतरी ग्लैमॉर्गन के लिए 59 गेंदों पर 82 रन बनाए. उन्होंने ये रन 138.98 की स्ट्राइक रेट से 10 चौके और 3 छक्के की बदौलत बनाए. मतलब उन्होंने अपनी इनिंग के अधिक्तर रन सिर्फ 13 गेंदों पर बना दिए. ग्लैमॉर्गन के कप्तान ने 13 गेंदों पर बाउंड्री जड़ी, जिससे उन्होंने 58 रन बटोरे. यही वो 58 रन रहे जो डरहम के हार की वजह भी बने.
डरहम की ओर से लगे 2 अर्धशतक, फिर भी जीत से गए भटक
कप्तान कार्लसन के बनाए 82 रनों के दम पर ग्लैमॉर्गन ने जो स्कोर खड़ा किया, उससे पार पाने के लिए डरहम के बल्लेबाजों ने कोशिश खूब भी. उसके दो बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाया. सीन डिक्सन ने 83 गेंदों पर 84 रन तो कैमरन बैनक्रॉफ्ट ने 54 गेंदों पर 55 रन बनाए. बावजूद इसके डरहम की टीम जीत की दहलीज से बहुत दूर खड़ी दिखी और ग्लैमॉर्गन के सिर पर रॉयल लंदन वनडे कप का ताज सज गया.