विज्ञान

सुबह- सुबह देख सकते हैं साल का आखिरी सुपरमून, इस दिन नजर आएगा 'स्ट्रॉबेरी मून' का अद्भुत नजारा

Gulabi
22 Jun 2021 4:31 PM GMT
सुबह- सुबह देख सकते हैं साल का आखिरी सुपरमून, इस दिन नजर आएगा स्ट्रॉबेरी मून का अद्भुत नजारा
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'स्ट्रॉबेरी मून' का अद्भुत नजारा

इस हफ्ते आसमान में साल का आखिरी सुपरमून (Supermoon) नजर आएगा. इस खूबसूरत नजारे के बारे में जानकारी देते हुए Farmer's Alamanac ने इसे 'स्ट्रॉबेरी मून' (Strawberry Moon) नाम दिया है. दरअसल उत्तरी अमेरिका में इस समय स्ट्रॉबेरी का मौसम आ चुका है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया कि बुधवार तड़के सुबह से सुपरमून नजर आने लगेगा लेकिन गुरुवार को यह अपनी अधिकतम ऊंचाई पर होगा.

जानकारी के मुताबिक जब चांद अपनी कक्षा में चक्कर लगाते हुए पृथ्वी के सबसे करीब होता है तो ये आमतौर पर नजर आने वाले चांद से बड़ा नजर आता है और तब इसकी रौशनी भी ज्यादा होती है. स्प्रिंग का आखिरी फुल मून स्ट्रॉबेरी मून के नाम से जाना जाता है. जून में शादियां होने के कारण इसे 'हनी-मून' भी कहा जाता है. इसके अलावा इसे ब्लूमिंग मून, ग्रीन कॉर्न मून, होएर मून, बर्थ मून, एग लेयिंग मून, हैचिंग मून और मीड मून भी कहा जाता है.
1930 से तय किए जा रहे नाम
सुपरमून गुरुवार को गुलाबी के बजाय सुनहरा दिखेगा. इसके बाद शनिवार तक ये इसी तरह नजर आएगा. इस दौरान चांद के साथ आसमान में शुक्र और मंगल ग्रह भी नजर आएंगे. पहली बार 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने ये नाम निर्धारित किए थे. उन्होंने बताया था कि अप्रैल में नजर आने वाले सुपरमून को 'पिंक मून' कहा जाएगा. अमेरिका में पाए जाने वाले एक पौधे के चलते इसका ये नाम पड़ा.
अप्रैल में धरती से सुपरमून का नजारा ऐसा दिखा था मानो चांद गुलाबी रंग का हो गया है. सुपरमून के दौरान चांद धरती के इतना करीब होता है कि वह ऐसा आभास कराता है, जैसे वो नीचे ही उतर रहा हो. सुपरमून की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं, जिसे देखकर कई लोग आंखों को सुकून मिलने वाली बात कर रहे थे.
हिंदू और बौद्ध धर्म में अलग नाम
पिंक मून के अलावा कई और नाम भी हैं, जैसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून और फिश मून. हिंदू धर्म में इसे हनुमान जयंती के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. जबकि बौद्ध धर्म में इसे बाक पोया के तौर पर माना जाता है. श्रीलंका में इस दिन को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि तब बुद्ध श्रीलंका पहुंचे थे और वहां पहुंचकर उन्होंने युद्ध को टाल दिया था.
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