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विज्ञान
खतरे में दुनिया! उम्मीद से कई गुना तेजी से पिघल रही है अंटार्कटिका की बर्फ
Gulabi Jagat
12 Aug 2022 12:34 PM GMT
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जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन (Climate Change), इन दो शब्दों से पूरी दुनिया डरी हुई है और अब, दुनिया भर की सरकारों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। क्लाइमेट चेंज या ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) का सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि विशाल ग्लेशियर्स का गढ़ अंटार्कटिका (Antarctica) उम्मीद से ज्यादा तेजी से पिघल रहा है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट से पता चला है कि अंटार्कटिका के तटीय ग्लेशियर्स हिमखंडों (आइसबर्ग) को तेजी से बहा रहे हैं।
समाचार एजेंसी Reuters के अनुसार, बुधवार को एक सैटेलाइट विश्लेषण से पता चला है कि तेजी से बर्फ के पिघलने के सिलसिले ने पिछले 25 सालों में दुनिया की सबसे बड़ी बर्फ की चादर के पिघलने से होने वाले नुकसान के पिछले अनुमानों को दोगुना कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के रिसर्चर्स के नेतृत्व में अपनी तरह की एक पहली स्टडी में पता चला है कि जलवायु परिवर्तन कितनी तेजी से अंटार्कटिका की तैरती बर्फ की विशाल सिल्लियों को कमजोर कर रहा है और समुद्र स्तर में जबरदस्त बढ़ोतरी कर रहा है।
स्टडी में पता लगाया गया है कि ग्लेशियर्स के पतले होने और बर्फ की सिल्लियों का टूटने से 1997 के बाद से अंटार्कटिका की बर्फ की सिल्लियों के मास में 12 ट्रिलियन टन की कमी आई है, जो पिछले अनुमान से दोगुना है।
स्टडी के प्रमुख लेखक जेपीएल वैज्ञानिक चैड ग्रीन (Chad Greene) के अनुसार, पिछली तिमाही-शताब्दी में सिल्लियों के टूट कर अलग होने से महाद्वीप की बर्फ की चादर का नुकसान लगभग 37,000 वर्ग किमी (14,300 वर्ग मील) है, जो लगभग स्विट्जरलैंड के साइज का क्षेत्र है।
ग्रीन ने नासा के निष्कर्षों की घोषणा में कहा, "अंटार्कटिका अपने किनारों पर उखड़ रही है," "और जब बर्फ की सिल्लियां घटती और कमजोर होती हैं, तो महाद्वीप के विशाल ग्लेशियर तेजी से बढ़ते हैं और वैश्विक समुद्र के स्तर में वृद्धि की दर में बढ़ोतरी करते हैं।"
परिणाम बहुत भयावय हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंटार्कटिका में दुनिया की सभी बर्फ की समुद्र तल क्षमता का 88 प्रतिशत हिस्सा है।
बर्फ की सिल्लियां, जो जमी हुई मीठे पानी की स्थायी तैरती चादरें होती हैं और जमीन से जुड़ी होती हैं, इनके बनने में हजारों साल लगते हैं, जो ग्लेशियर्स को रोक कर रखते हैं, अन्यथा ये आसानी से समुद्र में गिर जाएंगे, जिससे समुद्र ऊपर उठ जाएगा।
Tagsअंटार्कटिका
Gulabi Jagat
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