विज्ञान

क्या 2026 में बस जाएगी Mars और Jupiter के बीच इंसानी बस्ती? जानें वैज्ञानिकों ने क्या कहा

Gulabi
25 Jan 2021 8:41 AM GMT
क्या 2026 में बस जाएगी Mars और Jupiter के बीच इंसानी बस्ती? जानें वैज्ञानिकों ने क्या कहा
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यह दावा कितना व्यावहारिक है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फिनलैंड (Finland) के खगोलजीव वैज्ञानिक (Astrobiologist) ने दावा किया है कि साल 2026 तक मंगल (Mars) और गुरु (Jupiter) ग्रह के बीच इंसानों की एक बस्ती (Human Settlement) बस जाएगी. यह दावा कितना व्यावहारिक है, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन फिलहाल इस तर्क ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है.

बहफ चुनौतीपूर्ण और रोचक विषय
विज्ञान की दुनिया में अंतरिक्ष (Space) सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण और रोचक विषय रहा है. हालांकि, आज-कल लग रहा हो कि वैज्ञानिक अनुसंधान और शोधों का ध्यान अब अंतरिक्ष से हटकर पृथ्वी की जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पर ज्यादा होने वाला है. लेकिन अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) पर हो रहे शोधों में कभी भी कमी नहीं आ सकती है. इस वक्त दुनिया के सभी देश मंगल (Life On Mars) व अन्य ग्रहों पर जीवन और बसावट (Human Settlement) की राह ढूंढ रहे हैं.

फिनलैंड के वैज्ञानिक का दिलचस्प दावा
इसी बीच फिनलैंड (Finland) के एक वैज्ञानिक (Scientist) ने दिलचस्प दावा किया है. उन्होंने दावा किया है कि साल 2026 तक मंगल और गुरु (Jupiter) ग्रह के बीच इंसानी बस्ती (Human Settlement) बस सकती है. फिनलैंड के वैज्ञानिक ने दावे के पीछे अपने तर्क भी दिए हैं. हालांकि यह दावा कितना व्यावहारिक या संभव है, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन फिलहाल इस तर्क ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है.
अंतरिक्ष में बसेगा नया शहर
फिनलैंड (Finland) के वैज्ञानिक डॉ. पेक्का जेनह्यूनेन (Pekka Janhunen) ने दावा किया है कि मंगल (Mars) और गुरु (Jupiter) ग्रह के बीच क्षुद्रग्रहों की पट्टी (Asteroid Belt) में एक बड़े पिंड में इंसान की बस्ती (Human Settlement) बसाई जा सकती है. आपको बता दें कि यह दावा किसी विज्ञान फैंटसी की किताब में या उसके लेखक ने नहीं की है. यह दावा करने वाले जेनह्यूनेन एक अंतरिक्ष भौतिकविद, खगोलजीव विज्ञानी और आविष्कारक हैं. यही वजह है कि उनका यह दावा भले ही असंभव लगे, लेकिन लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहा है.
15 सालों में दूसरे ग्रहों पर होगा जीवन
न्यूयॉर्क पोस्ट (New York Post) की रिपोर्ट के अनुसार, जेनह्यूनेन (Pekka Janhunen) ने यह भविष्यवाणी भी की है कि अगले 5 सालों में लाखों लोग अंतरिक्ष (Space) में एक बड़े शहर (Megacity) में रह सकते हैं. जेनह्यूनेन हेलसिंकी में फिनिश मेट्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के खगोलभौतिक विद हैं. उन्होंने एक शोधपत्र में तैरते हुए विशाल सैटेलाइट (Floating Megasatellite) पर एक रूपरेखा भी पेश की है.
पृथ्वी से 32.5 करोड़ मील दूर है सेरेस
फिनलैंड (Finland) के इस वैज्ञानिक ने कहा है कि पृथ्वी से 32.5 करोड़ मील दूर सेरेस (Ceres) नाम के बौने ग्रह के आस-पास सैटेलाइट (Satellite) घूमेंगी. इससे आर्टिफिशियल गुरुत्व (Artificial Gravity) की मदद से वहां बसाहट (Human Settlement) की जा सकती है. फिलहाल वैज्ञानिकों का ध्यान पृथ्वी के बाहर चंद्रमा और मंगल ग्रह (Life On Mars) पर है क्योंकि ये दोनों ग्रह पृथ्वी से ज्यादा दूर नहीं हैं. हालांकि जेनह्यूनेन का प्रस्ताव कुछ असंभव सा लगता है.
डिस्क के आकार के आवास
जेनह्यूनेन (Pekka Janhunen) ने एक डिस्क (Disk) के आकार के आवास (Habitat) की भविष्यवाणी की है, जिसमें हजारों बेलनाकार कॉलोनी जैसी संरचनाएं होंगी. उनमें 50 हजार लोग रह सकेंगे. हर कॉलोनी शक्तिशाली चुंबक (Magnet) से जुड़ी होगी, जिससे घूर्णन (Rotation) पैदा होगा और कृत्रिम गुरुत्व (Artificial Gravity) बनेगा. आज से 15 साल बाद सेरेस (Ceres) की सतह के 600 मील के नीचे तक उत्खनन कर सकेंगे और उसे अंतरिक्षीय एलीवेटर्स का उपयोग कर ऊपर ला सकेंगे.
कम है सीरेस का गुरुत्वाकर्षण
जेनह्यूनेन (Pekka Janhunen) ने ये भी कहा है कि सेरेस (Ceres) से सामग्री उठाना ऊर्जा के लिहाज से सस्ता पड़ेगा. सेरेस का गुरुत्वाकर्षण (Gravity) कम है और तुलनात्मक रूप से वह तेजी से घूमता है. वहां स्पेस एलीवेटर (Space Elevators) उपयुक्त होंगे. सेरेस क्षुद्रग्रह बेल्ट (Asteroid Belt) में सबसे विशाल पिंड है. इसके नाइट्रोजन (Nitrogen) संपन्न वायुमंडल (Atmosphere) के कारण यह पृथ्वी से बाहर बसावट के लिहाज से उपयुक्त है.
सीरेस में होंगे कुछ ऐसे हालातजेनह्यूनेन (Pekka Janhunen) के अनुसार, इससे इंसान को सेरेस (Ceres) पर पृथ्वी (Earth) के जैसे हालात बनाने में आसानी होगी. यह मंगल (Mars) के कार्बन डाइऑक्साइड वाले वायुमंडल से बेहतर होगा. उन्होंने माना कि सेरेस भी क्षुद्रग्रहों (Asteroids) के टकराव और अंतरिक्ष विकरणों के खतरों से खाली नहीं होगा. इसके लिए उन्होंने मेगा सैटेलाइट (Mega Satellite) के आस-पास बेलान आकार के आईनों (Mirrors) का प्रस्ताव रखा है.
क्या है डॉ जेनह्यूनेन का तर्क?
जेनह्यूनेन का विचार फिलहाल तो व्यवहारिक नहीं दिखता है क्योंकि दुनिया में कोई भी अनुसंधान केंद्र (Research Centre) प्रत्यक्ष रूप में इस दिशा में काम करती नहीं दिख रही है. साथ ही यह भविष्यवाणी वर्तमान के लिए काल्पनिक है. लेकिन इसके पीछ दिया गया तर्क दुनिया को अपनी और आकर्षित कर रहा है.


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