विज्ञान

जिराफ की लंबी गर्दन को लेकर क्यों हो रहा है विवाद, जानें क्या है सच

Tulsi Rao
5 Jun 2022 6:35 AM GMT
जिराफ की लंबी गर्दन को लेकर क्यों हो रहा है विवाद, जानें क्या है सच
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पृथ्वी पर जीवन के इतिहास में अस्तित्व के संघर्ष के दौरान जीवों ने अपने अंगों का विकास किया. इसी से संबंधित उद्भव या विकासवाद (Evolution) का एक सिद्धांत लैमार्क ने भी दिया था जिसमें एक नियम उपयोग और अनुपयोग का था. इसके तहत उन्होंने उदाहरण दिया था कि जिराफ की गर्दन (Neck of Giraffe) लंबी होती गई क्योंकि पेड़ों के ऊंचे होने के कारण उनके सिर पत्तियों तक पहुंचत नहीं पाते थे. इस उदाहरण को लंबे समय से सही माना जाता रहा, लेकिन हाल ही में जीवाश्म (Fossil) के अध्ययन में में मिले प्रणाम के नतीजों ने जिराफ की गर्दन की बढ़ने का कुछ और ही कारण बताया है जिससे विवाद पैदा हो गया है.

पहले से ही होता रहा है ऐतराज
लैमार्क के दिए उस उदाहरण को कई जीव विज्ञान खारिज करते रहे हैं. जिराफ की बढ़ी गर्दन के रहस्य पर उनका मानना है कि यह गर्दन भोजन तक पहुंचने के चक्क में लंबी नहीं हुई थी, बल्कि नर जिराफों में उनकी गर्दन प्रेम की के लिए लड़ाई में युद्ध का हथियार थी. और इसी कारण वह लंबी होती चली गई. इस दलील से सभी शोधकर्ता सहमत नहीं थे और इस पर विवाद कायम है.
चीन में मिला था ये जीवाश्म
लेकिन जिराफ की खोपड़ी और हड्डियों पर आधारित नए अध्ययन ने इस बहस को एक बार फिर जगा दिया है. इस अध्ययन में मिले नए प्रमाण बताते हैं कि जिराफ के पूर्वज जानवर कभी अपने गर्दन का एक अन्य उपयोग भी करते थे. ये जीवाश्म हड्डियं उत्तरी चीन करीब 20 साल पहले जीवाश्मविज्ञानी जिन मेंग ने हासिल किए थे.
पुरातन जिराफ की खास विशेषता
मेंग अब न्यूयॉर्क में अमेरिकन म्यूजिम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के क्यूरेटर हैं. उनके खोज गए जीवाश्म के ताजा विश्लेषण से इस स्तनपायी जीव के ऐसे गुणों खुलासा हुआ है जिससे हमें जिराफ की इस खास आकृति के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकती है. इस जीवाश्म वाले जानवर का नाम चीनी कथाओं की मिथक यूनिवकॉर्न बकरी के नाम पर, डिस्कोकेरिक्स जेइझी रखा गया है.
Earth, Animals, life on Earth, Evolution, Evolution of Animals, Giraffe, Long neck of Giraffe, Cause of long neck of Giraffe, Giraffoid, जिराफ (Giraffe) और उनके परिवार के पुरातन जानवर गर्दन का उपयोग लड़ने में करते थे. (तस्वीर:WANG AND X. GUO)
लड़ाई करने वाला सिर
जेइझधी ग्राफिओइडिया महापरिवरा का पुरातन सदस्य था. जो मियोसीन सवाना करीब 1.7 करोड़ साल पहले विचरण करता था. लेकिन इस जानवर की खास बात उसकी आकृति नहीं बल्कि उसकी खास खोपड़ी थी जो सपाट चौड़ी खोपड़ी थी. इस तरह की खोपड़ी आपस में सिर से लड़ने वाले जानवरों में पाई जाती है.
एक असाधारण क्षमता
जी जेईझी की खोपड़ी का लड़ाई में फायदा मिलता था इसका परीक्षण करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक गणितीय तकनीक का उपयोग कर खोपड़ी और हड्डियों की उन ताकतों का आंकलन किया जो टकराव में उनके काम आती थीं. उन्होंने पाया कि उनकी हड्डियों और उनके जोड़ असाधारण हिंसा को झेलने में सक्षम थी.
Earth, Animals, life on Earth, Evolution, Evolution of Animals, Giraffe, Long neck of Giraffe, Cause of long neck of Giraffe, Giraffoid,आज भी जिराफ (Giraffe) की गर्दन कई बार आपस उलझी दिखती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
एक परिवार से लेकिन फिर भी अंतर
इस खोज से पता चला कि इन जानवरो में सिर से सिर की लड़ाई नया बर्ताव नहीं था. इस अध्ययन के प्रथम लेखक और चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेसके जीवाश्म विज्ञानी वांग शी- क्वी ने बताया कि दोनों जिराफ और डिस्कोकेरिक्स जेइझी ग्राफिओइडिया महापरिवार के सदस्य हैं जबकि उनकी खोपड़ी और गर्दन अलग अलग थे दोनों में ही बहुत अलग तरह से लेकिन चरम तक विकसित हुए.
साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि लंबी गर्दन को जिराफ में आपस में लड़ने में उपयोग में लाया जाने लगा था. इस वजह से जिराफ की गर्दन लंबी होती गई. हालांकि यह स्पष्ट रूप से पता नहीं चला है की भोजन की जरूरत की गर्दन लंबी करने में कितनी भूमिका था. लेकिन अब और जीवविज्ञानी यह मानने लगेंगे कि अस्तित्व की लड़ाई में जिराफ अपनी गर्दन भी हथियार के रूप उपयोग करते थे.


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