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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पौधों (Plants) में भी दूसरे जीवों की तरह DNA के जरिए अपने गुणों को वंशजों तक पहुंचाने की व्यवस्था होती है. बहुत से पौधों में से अगली पीढ़ी के पौधे खुद में से ही निकलते हैं. इसलिए पौधों में अनुवांशकीय (Genetics of Planets) जटिलताएं बहुत ज्यादा होती हैं. फिर वैज्ञानिक पौधों की अनुवांशकीय अध्ययन में कई शानदार नतीजे निकले हैं. नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने शैवाल (Algae) के जीन के सैंकड़ों कार्यों की खोज की है जिससे जैवईंधन उत्पादन के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित शैवाल और जलवायु प्रतिरोधी कृषि फसलों को पैदा किया जा सकेगा.
पौधों (Plants) में खुद का भोजन बनाने की क्षमता होती है जो उनकी कोशिकाओं के क्लोरोप्लास्ट के जरिए बनता है. क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts) का खुद का डीएनए होता है जिसका अलग जीन भंडार होता है. इस जटिलता के बाद भी जैनेटिक शोधों (Genetic Research) ने क्रांतिकारी आर्थिक नतीजे दिए हैं. बहुत से फसलों की पैदावार और पोषक मात्रा बढ़ी है तो साथ ही उनमें कीटों और रोगों से प्रतिरोध क्षमता भी बढ़ी है. इन उपलब्धियों में रिवरसाइड की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन से इन उपलब्धियों में और इजाफा होने की उम्मीद है.
इस अध्ययन के संवादी लेखक और यूसी रिवर्साइड में कैमिकल एंड एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रॉबर्ट जिंकरसन ने बताया, "पौधों (Plants) और शैवाल (Algae) की अनुवांशकी का कम अध्ययन हुआ है इनसे इंसानों के लिए भोजन, ईंधन, पदार्थ और दवाएं बनती हैं, लेकिन इन जीवों की अनुवांशिकी को हम बहुत कम समझ सके हैं जिससे इन्हें संशोधित करना एक बहुत ही मुश्किल काम है." उन्होंने कहा कि यहां यह जानना बहुत जरूरी है कि जीन म्यूटेशन (Gene Mutation) जीवों पर कैसा प्रभाव डालता है."
शोधकर्ताओं ने शैवाल म्यटेंट्स (Algae Mutants और स्वाचालित उपकरणओं का उपयोग करते हुए परीक्षण कर से लाखों डेटा प्वाइंट्स बनाए. इन डोटासेट के विश्लेषणों के जरिए शोधकर्ताओं अच्छे से परिभाषित नहीं हो सके सैंकड़ों जीन्स की क्रियात्मक (Functions of Genes) भूमिका का पता लगा सके. इन जीन्स की प्रकाश संश्लेषण , डीएनए हानि प्रतिक्रिया, गर्मी के दबाव की अनुक्रिया, जहरीले रसायन और शैवाल खाने वाले जानवरों के प्रति अनुक्रिया में भागीदारी होती है. शैवाल (Algaes) में पाए गए बहुत से जीन्स दूसरे पौधों में भी पाए जाते हैं. इससे पता चलता है कि शैवाल का आंकड़े वैज्ञानिकों को पौधों के जीन्स के कार्यों को समझने में भी मदद कर सकते हैं.)
हजारों जीन म्यूटेशन (Gene Mutations) का तेजी से विश्लेषण करने की स्वचलित तकनीक को हाई थ्रूपुट मेथेड केहते हैं. ये खमीर और बैक्टीरिया (Bacteria) के बड़े प्रतिमान तंत्रों में जीनोम के जीन क्रियाओं को समझने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं. ये हर जीन का अलग अलग अध्ययन करने से ज्यादा तेज और कारगर तरीके हैं. ये फसलों वाले पौधे (Crop Plants) में कारगर तरीके से काम तो नहीं करते हैं क्योंकि पौधों का आकार बहुत बड़ा होता है और हजारों पौधों का विश्लेषण करना भी बहुत मुश्किल होता है.
इसलिए शोधकर्ताओं ने हाई थ्रूपुट रोबोट का उपयोग एक कोशिकीय हरे शैवाल (Green Algae) की एक प्रजाति क्लैमाइडोमोनस रेनहार्डिटी के 65000 से भी ज्यादा म्यूटेंट्स (Mutants) पर उपयोग किया. उन्होंने म्यूटेंट्स पर 121 अलग अलग प्रयोग किए. हर म्यूटेंट का अलग बार कोड होता है जिससे विशेष पर्यावरणीय दबाव स्थितियों में म्यूटेंट क्या कर रहा है यह देखा जा सकता है. शोधकर्ताओं ने सैंकड़ों जीन्स में ऐसे कार्यों की खोज की. इसमें कुछ जीन डीएनए में सुधार कर सकती हैं तो कुछ प्रकाश से ऊर्जा लेने का काम सुचारू रूप से करवाती हैं.
इस खोज से शोधकर्ताओं को कुछ फेफड़ों और एसोफेगल कैंसर को बेहतर समझने में सहायता मिल सकती है. बहुत से जीन कार्य (Gene Function) पौधों में भी पाए जाते हैं. इससे ऐसे पौधे (Plants) विकसित करने में मदद मिल सकती है जो ज्यादा ऊष्मा या ठंडक सहन कर सकते हैं ,तापमान का दबाव सहन करने के साथ ही बेहतर प्रकाश संलेश्षण (Photosynthesis) कर सकते हैं. ये समस्याएं दुनिया की खाद समस्याओं को सुलझाने या फिर जैवईंधन विकसित करने में मदद कर सकती हैं
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