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अमेरिका ने अब क्‍यों दी है यह जानकारी, किस देश के पास कितने हथियार, जानिए कहां ठहरता है रूस

Shiddhant Shriwas
6 Oct 2021 3:52 AM GMT
अमेरिका ने अब क्‍यों दी है यह जानकारी, किस देश के पास कितने हथियार, जानिए कहां ठहरता है रूस
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अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से इन आंकड़ों को उन कोशिशों की तहत जारी किया गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (US) ने चार सालों में पहली बार अपने पास मौजूद परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की संख्‍या की जानकारी दी है. पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) के जाने के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिकी विदेश विभाग ने हथियारों की संख्या को सार्वजनिक किया है. आपको बता दें कि ट्रंप ने परमाणु हथियारों के आंकड़ों की जानकारी देने पर रोक लगा दी थी.

अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से बताया गया है कि 30 सितंबर 2020 तक अमेरिकी सेना के पास 3,750 सक्रिय और निष्क्रिय परमाणु हथियार हैं. यह संख्‍या साल 2019 की तुलना में 55 और साल 2017 के बाद से 77 हथियार कम है. वहीं इन आंकड़ों से पता लगता है कि साल 1967 में रूस के साथ हुए शीत युद्ध के बाद से भी इस संख्‍या में कमी आई है. उस समय अमेरिका के पास कुल 31,255 परमाणु हथियार थे.
अमेरिका ने अब क्‍यों दी है यह जानकारी
अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से इन आंकड़ों को उन कोशिशों की तहत जारी किया गया है जिसमें राष्‍ट्रपति जो बाइडेन रूस के साथ फिर से हथियारों पर नियंत्रण को लेकर वार्ता शुरू करना चाहते हैं. ट्रंप के कार्यकाल में इस तरह की बातचीत पर रोक लग गई थी. विदेश विभाग ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है. इसमें कहा गया है, 'अमेरिका के पास परमाणु हथियारों को लेकर पारदर्शिता बढ़ाना निशस्‍त्रीकरण और हथियारों के विस्‍तार को रोकने के लिए बहुत जरूरी है.'
डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका को ईरान के साथ हुई परमाणु संधि से बाहर कर लिया था. साथ ही रूस के साथ हुई इंटरमीडिएट-रेंज न्‍यूक्लियर फोर्सेज (INF) संधि से भी अमेरिका, ट्रंप के कार्यकाल में अलग हो गया था. इसके अलावा रूस के साथ हुई एक और संवेदनशील न्‍यू स्‍टार्ट संधि को भी अमेरिका ने मानने से इनकार कर दिया था. रॉकेट्स पर हुआ यह समझौता 5 फरवरी 2022 को खत्‍म हो जाएगा.
बाइडेन ने रखा था नया प्रस्‍ताव
न्‍यू स्‍टार्ट वो संधि है जिसके बाद अमेरिका और रूस दोनों ही अपने परमाणु हथियारों की संख्‍या को नियंत्रित करने पर राजी हुए थे. इसके खत्‍म होने का सीधा मतलब है कि दोनों देश फिर से परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने में लग जाएंगे. ट्रंप ने कहा था कि वो एक ऐसी डील चाहते हैं जिसमें चीन भी शामिल हो. जबकि चीन की अगर बात करें तो उसके पास मौजूद परमाणु हथियार अमेरिका और रूस की तुलना में बहुत कम हैं.
20 जनवरी 2021 को पद संभालने के बाद बाइडेन ने न्‍यू स्‍टार्ट संधि का नया प्रस्‍ताव पेश किया था जिसे 5 साल के लिए बढ़ाया गया था. इस प्रस्‍ताव पर रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादीमिर पुतिन ने तुरंत ही रजामंदी भर दी थी. न्‍यू स्‍टार्ट के तहत रूस और अमेरिका दोनों ही देश 1550 परमाणु हथियार ही तैनात कर सकते हैं. पिछले हफ्ते ही रूस और अमेरिका के राजनयिकों की जेनेवा में एक मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में दोनों देशों ने न्‍यू स्‍टार्ट संधि पर फिर से चर्चा की. साथ ही पारंपरिक हथियारों पर भी नियंत्रण लगाने पर वार्ता हुई है.
किस देश के पास कितने हथियार
स्‍टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीटयूट (SIPRI) की तरफ से बताया गया है कि जनवरी 2021 तक अमेरिका के पास 5,550 हथियार थे जबकि रूस के पास 6,255 हथियार थे. 350 परमाणु हथियार चीन के पास, 225 ब्रिटेन के पास और 290 फ्रांस के पास थे. रिपोर्ट आने तक अमेरिकी विदेश विभाग ने हथियारों की गणना नहीं की थी. सिपरी के मुताबिक भारत, पाकिस्‍तान, इजरायल और नॉर्थ कोरिया के पास मिलाकर 460 परमाणु हथियार हैं.


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