विज्ञान

लाल सागर के इन तालाबों के अंदर जाते ही क्यों हो जाती है मौत

Subhi
26 July 2022 5:09 AM GMT
लाल सागर के इन तालाबों के अंदर जाते ही क्यों हो जाती है मौत
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महासागरों की गहराइयों में जाना आसान काम नहीं हैं. अब भी यहां ऐसी बहुत ही जगहें हैं जहां इंसानी पहुंच नहीं जा सकी है. लेकिन कई ऐसे इलाके भी हैं जों इतने खतरनाक हैं जहां जाने का मतलब जान गंवाना होता है.

महासागरों की गहराइयों में जाना आसान काम नहीं हैं. अब भी यहां ऐसी बहुत ही जगहें हैं जहां इंसानी पहुंच नहीं जा सकी है. लेकिन कई ऐसे इलाके भी हैं जों इतने खतरनाक हैं जहां जाने का मतलब जान गंवाना होता है. नई खोज में वैज्ञानिकों ने लाल सागर के तल (Bottom of the Red Sea) पर ऐसे घातक तालाब खोजे हैं जिसके अंदर किसी भी जीव के जाने से उसकी मौत निश्चित है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि लाल सागर की गहराई में छिपे इन खारे पानी की तालाबों (Brine Pools) से लंबे समय में हो रहे पर्यावरणीय बदलावों (Environmental Changes) की भी जानकारी मिल सकती है जिसमें पृथ्वी पर शुरुआती जीवन भी शामिल है.

लाचार हो जाते है जीव

इन तालाबों की खोज मियामी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है. लाइव साइंस के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पाया है कि ये खारे तालाब यहां आने वाले जीव को या तो तुरंत मार देते हैं या फिर उसे पक्षाघात से लाचार कर देते हैं. इस खोज पर हाल ही में हुए शोध में बताया है कि ये दुर्लभ तालाबों से पर्यावरण में लंबे समय तक होने वाले बदलाव के बारे में पता चल सकता है.

क्या होते हैं ये तालाब

खारे पाने के तालाब एक तरह की छोटी हाइपरसलाइन झील होती है जो समुद्र की गहराई के तल में बनती है और पृथ्वी के सबसे खतरनाक माहौल वाला क्षेत्र बन जाती है. इस तरह के असामान्य तालाबों मं बहुत ही ज्यादा मात्रा में नमक होने के साथ अन्य तरह के रासायनिक पदार्थ भी होते हैं जिससे यह क्षेत्र ऊपर के समुद्र की तुलना में 8 गुना ज्यादा लवण वाला क्षेत्र हो जाता है.

कहां पाया गया तालाब

यह तालाब लाल सागर के तल में 1770 मीटर की गहराई पर स्थित हैं. साल 2020 में इस सागर के उत्तर में भेजे गए अभियान में मियामी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक दूर से संचालित होने वाला पानी के भीतर एक वाहन भेजा जिसे इस तालाब की खोज हो सकी. इस तालाब का आकार 10700 वर्ग फुट पाया गया है.

क्यों होती है मौत

इस खारे पानी के तालाब का खुलासा लाल सागर के तल में दस घंटों की गोताखोरी के बाद पता चला था. शोधकर्ताओं के टीम के सदस्यसैम पुर्किस ने पाया कि इस खारे पानी के तालाब में ऑक्सीजन नहीं होती है और इसकी लवणता बहुत ही घातक स्तर पर होने के कारण इसमें कोई मछली या अन्य समुद्री जीव जाता है तो फौरन ही मर जाता है. इसके अलावा इस तालाब में हाइड्रोजन सल्फाइड जैसे जहरीले तत्व भी हैं.

शिकारी जीवों के लिए आदर्श

पुर्किस के अनुसार इस मौत के तालाब के पास कई शिकार जीव भी रहते हैं जो उन जीवों को खाने की ताक में रहते हैं जो इस तालाब में गलती से आ जाते हैं और मर जाते हैं. इस झील में आने वाला हर जीव मर जाता है फिर भी यह झील शिकारी जीवों के लिए आदर्श तालाब है. इसमें आकर मरने वाले जीव जब तालाब से बाहर जाते हैं तो इन शिकारी जीवों को भोजन मिल जाता है.

सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति

प्रोफेसर पुर्किन बताते हैं कि इन खारे तालाब बहुत सी विविधता वाले सूक्ष्मजीव हैं जो बड़ी ताताद में रह रहे हैं. इन सूक्ष्मजीवों की खास बात यह है कि ये बहुत ही विपरीत हालातों में जिंदा रह सकते हैं और पनप सकते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इन सूक्ष्मजीवों का अध्ययन कर वे पृथ्वी पर जीवन की सीमा का अध्ययन कर सकते हैं. इस तरह का जीवन दूसरे ग्रहों पर भी मिल सकता है.

यह कोई पहली बार नहीं है कि इस तरह के खारे तालाब की खोज हुई है. पिछले तीस सालों में महासागर विशेषज्ञों ने लाल सागर, भूमध्य सागर, मैक्सिको की खाड़ी में कई दर्जन ऐसे तालाब खोजे हैं. लेकिन लाल सागर में खोजे गए इस नए तालाब की खास बात यह है कि सबसे कम गहराई वाला तालाब है. वैज्ञानिकों का मानना है कि सबसे ज्यादा मात्रा में पाए जाने वाले इन तालाबों में 2.3 करोड़ साल पहले खनिज जमा हो गए थे.


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