विज्ञान

बहुत से वैज्ञानिक क्यों मानते हैं डार्क मैटर का अस्तित्व? जानें क्या कहता है शोध

Tulsi Rao
12 Jun 2022 3:56 PM GMT
बहुत से वैज्ञानिक क्यों मानते हैं डार्क मैटर का अस्तित्व? जानें क्या कहता है शोध
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रह्माण्ड (Universe) के बारे में हम जितना जानते उतना ही वह अजीब दिखाई पड़ता है. इसमें कई पिंड अजीब कई परिघटना तो कभी कोई सिद्धांत बर्ताव करते दिखते हैं. ऐसी ही एक अवधारणा है डार्क मैटर (Dark Matter) की. इसे सामने आए 50 साल से ज्यादा का समय हो गया है. वैज्ञानिकों का 'मानना' है कि यह ब्रह्माण्ड का सबसे व्यापक पदार्थ (Most common matter of Universe) स्वरूप है. ना तो इसे किसी भी तरह से अवलोकित किया जा सका है और ना ही इसके अत्सित्व को प्रमाणित किया जा सकता है. फिर भी हैरानी की बात है कि आखिर वैज्ञानिक डार्क मैटर को इतना महत्व क्यों दे रहे हैं.

डार्क मैटर पर अस्तित्व पर
बड़ी बात यह है कि ब्रह्माण्ड की कई परिघटनाओं की व्याख्या डार्क मैटर के जरिए की गई हैं और वे सटीक नतीजे भी दे रही हैं. इसका मतलब यही है कि अगर वाकई में डार्क मैटर का अस्तित्व सिद्ध हो जाता है तो वे वैज्ञानिक व्याख्याएं भी पूरी तरह से प्रमाणित हो जाएंगी. वैज्ञानिक इन परिघटनाओं की अन्य व्याख्याओं को भी नहीं मान रहे हैं जो किसी और सिद्धांत के तहत संभव हो सकती है.
एंड्रोमीडा गैलेक्सी की विसंगति
इसे समझने के लिए हमें 50 साल पहले जाना होगा.उस समय कई वैज्ञानिकों ने डार्क मैटर की अवधारणा तो दी थी, लेकिन उस समय इसे उतनी तवज्जो नहीं दी गई. 1970 के दशक में वेरा रूबिन और केंट फोर्ड नाम के दो खगोलविदों ने हमारे पास की एंड्रोमीडा गैलेक्सी के धूर्णन के बारे में सिद्धांत और अवलोकन में चौंकाने वाली विसंगति पाई.
गैलेक्सी में तारों का घूर्णन
न्यूटन के नियमों के अनुसार किसी गैसेक्सी के तारे और गैस जैसे जैसे उसके केंद्र से दूर जाते हैं, तब की घूर्णन की गति धीमी हो जानी चाहिए. ऐसा इसलिए होगा क्यों कि बहुत से तारे केंद्र के पास होंगे और वहां एक शक्तिशाली गुरुत्व बल पैदा करेंगे. लेकिन रूबिन और फोर्ड के अवलोकनों ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया. उन्होंने पाया कि गैलेक्सी के बाहरी किनारे पर मौजूद तारे केंद्र के पास के तारों की तुलना में तेजी से घूम रहे हैं.
एक और व्याख्या भी
विसंगति की व्याख्या देते हुए यह विचार दिया गया कि गैलेक्सी में बहुत सारा डार्क मैटर हो सकता है जो बाहरी तारों से गुरुत्व के जरिए अंतरक्रिया करता है जिससे तारों की गति तेज हो जाती है. यह ब्रह्माण्ड में अवलोकित की जाने वाली बहुत से विसंगतियों में से एक है. लेकिन इनमें से बहुत सी विसंगतियों की व्याख्या न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत और आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में मामूली सुधार से की जा सकती है.
परीष्कृत गुरुत्व के सिद्धांत
शायद कुछ पैमानों पर प्रकृति इन सिद्धांतों के अनुमानों से थोड़ा हटकर बर्ताव करती है. इन सिद्धांतों में ऐसा ही कुछ बदालव इजराइल के भौतिकविद मोरडेहाई मिलग्रोम ने किया था उन्होंने 1983 में सुझाया कि जब बहुत ही कम त्वरण काम कर रहा होता है, तब न्यूटन के नियम कुछ अलग ही तरह के काम करते हैं, जैसा कि गैलेक्सी के बाहरी किनारों पर होता है. यह सिद्धांत गैलेक्सी के घूर्णन पर सटीक तौर से लागू हुआ.


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