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क्यों केले पर पड़ते हैं भूरे स्पॉट्स ? वैज्ञानिकों ने बताई इसके पीछे की वजह

Tulsi Rao
13 May 2022 10:21 AM GMT
क्यों केले पर पड़ते हैं भूरे स्पॉट्स ? वैज्ञानिकों ने बताई इसके पीछे की वजह
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Why Bananas Get Brown Spots : बाज़ार से केले लाने के बाद घर में 2-4 दिन बीतते ही आपने इन पर भूरे रंग के निशान (Brown Spots On Banana) या चित्तियां देखी होंगी. ज्यादातर लोग ऐसे फल को खाने से बचते हैं. हालांकि ये बात किसी को नहीं पता होती कि आखिर केला रंग (Why Does Colour of Banana Change) क्यों बदलने लगता है और इसका उसके खराब होने से क्या नाता है. अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी (Florida State University) के रिसर्चर्स ने इसी तथ्य पर स्टडी करके ये भी बताया है कि ये निशान क्यों पड़ते हैं और इसे रोकने का तरीका भी ढूंढा है.

वैज्ञानिकों खास केलों पर ही ये स्टडी की है क्योंकि दुनिया भर हर साल करीब 50 मिलियन केले सिर्फ इसलिए फेंक दिए जाते हैं, क्योंकि उन पर ये भूरे निशान पड़ जाते हैं. ओलिवर (Oliver Steinbock) नाम के शोधकर्ता ने अपनी स्टडी पर इन्हीं भूरी चित्तियों के बारे में बताया है और दुनिया में कुछ सबसे ज्यादा पैदावार वाली इस फल को बर्बाद होने से रोकने का तरीका भी ढूंढने का दावा किया है.
क्यों केले पर पड़ते हैं भूरे स्पॉट्स ?
वैज्ञानिकों के मुताबिक केले पर पड़ने वाले भूरे निशान ही इस बात पुष्टि करते हैं कि ये पक चुका है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक केले के छिलके में एथिलीन गैस होती है. यही गैस छिलके में मौजूद क्लोरोफिल को तोड़ती है. क्लोरोफिल ही पत्तियों, छिलकों और तनों के हरे रंग का ज़िम्मेदार होता है. जैसे-जैसे एथिलीन गैस की मात्रा बढ़ती जाती है, ऑक्सीजन से रिएक्शन की वजह से इसका हरा रंग कम होता जाता है और भूरे स्पॉट्स इसकी जगह ले लेते हैं. इसी वक्त केले में मौजूद स्टार्च शुगर में बदल जाता है औ केला मीठा होता जाता है.
केले पर चित्ती का मतलब खराब होना नहीं है
वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि भूरे स्पॉट का मतलब ये नहीं है कि केला अब इस्तेमाल लायक नहीं बचा. इसे खा भी सकते हैं और बेकरी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस रिसर्च के मुताबिक केलों पर अगर मोम की पतली पर्त चढ़ा दी जाए तो छिलकों का ऑक्सीजन से रिएक्शन नहीं होगा. ऐसे में ये चित्तियां पड़ने की रफ्तार काफी कम हो जाएगी. अगर ये प्रयोग अपनाया जाए तो हर साल करोड़ों टन केले की फसल खराब होने से रोकी जा सकती है. केले के छिलके में मौजूद एथिलीन गैस की वजह से ही अगर आप दूसरे फलों के साथ इसे रखेंगे तो वो भी जल्दी पकने और मुलायम होने लगते हैं.


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