विज्ञान

आखिर क्यों डूबा दुनिया का सबसे बड़ा जहाज टाइटेनिक? लैबोरेटरी डेमो के साथ समझाए गए विज्ञान के तथ्य

Gulabi
23 Nov 2021 10:29 AM GMT
आखिर क्यों डूबा दुनिया का सबसे बड़ा जहाज टाइटेनिक? लैबोरेटरी डेमो के साथ समझाए गए विज्ञान के तथ्य
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दुनिया का सबसे बड़ा जहाज टाइटेनिक क्यों डूबा?
IIT Delhi SciTech Spins 2021: दुनिया का सबसे बड़ा जहाज टाइटेनिक क्यों डूबा? जब हम बर्फ के टुकड़े पर हथौड़े से मारते हैं, तो बर्फ का टुकड़ा टूटता है, ना कि हथौड़ा. फिर जब भारी भरकम स्टील से बना टाइटेनिक बर्फ की चट्टान से टकराया तो वह खुद (Titanic) दो टुकड़ों में टूटकर क्यों डूब गया? वातावरण में दोबारा एंट्री करने के बाद कोई स्पेस शटल करीब 3000 फॉरनहाइट तापमान कैसे हैंडल करता है? हम प्रकृति (जैसे – जुगनू, तितली, शार्क मछली, पत्तों, आदि) से क्या सीख सकते हैं? ऐसे कई मजेदार और जिज्ञासा बढ़ाने वाले सवालों के जवाब आपको आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिक दे रहे हैं.
इसके लिए आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) द्वारा साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर आधारिक कार्यक्रम संचालित किया गया है. इसका नाम है साइटेक स्पिन्स (SciTech Spins). यह प्रोग्राम खास तौर पर स्कूल स्टूडेंट्स के लिए है, जिसमें लैबोरेटरी डेमो के साथ विज्ञान के तथ्य समझाये गये हैं. यह आईआईटी दिल्ली साइटेक स्पिन्स का तीसरा संस्करण है.
आईआईटी दिल्ली केमिस्ट्री विभाग के अशोक कुमार गांगुली और मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के राजेश प्रसाद ने लेक्चर दिये हैं. संस्थान ने अपने यूट्यूब चैनल पर इन लेक्चर्स की लाइव स्ट्रीमिंग भी की है.
प्रोफेसर्स ने जहाज डूबने और विमान गिरने के पीछे का विज्ञान समझाया है. एक लेक्चर में प्रकृति में मौजूद चीजों और भविष्य के बारे में बात की गई है. यह बताया गया है कि प्रकृति में मौजूद जुगनुओं, तितलियों, शार्क, पत्तों जैसी चीजों से हम क्या सीख सकते हैं.
आईआईटी दिल्ली का यह साइटेक कार्यक्रम विशेषकर क्लास 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए आयोजित किया गया. इसमें कई स्कूल्स के स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था. उन सभी को सर्टिफिकेट्स भी दिये गये. इन स्टूडेंट्स को उनके स्कूल ने ही नॉमिनेट किया था. इन स्टूडेंट्स को आईआईटी दिल्ली के एनुअल इंटेलेक्चुअल फेस्ट (IIT Delhi Annual Intellectual Fest) के 'Open House' में शामिल होने का भी मौका मिलेगा. यहां बच्चों को साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे अग्रणी शोधकर्ताओं से मिलने और जुड़ने का मंच मिलता है.
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