विज्ञान

कौन थे धरती पर सबसे पहले आने वाले जीव और क्यों चले गए थे वापस पानी में?

Rounak Dey
23 July 2022 1:25 PM GMT
एक जीवाश्म (Fossils) के अध्ययन से वैज्ञानिकों को पता चला है पानी से
करीब 36.5 करोड़ साल पहले मछलियों (Fish) का एक समूह ने पानी को छोड़ कर जमीन की ओर रुख किया था. इन टेट्रापोड्स (Tetrapods) जानवरों के वशंजों में हजारों प्रजातियां निकली थी जिनमें, उभयचर, पक्षी, छिपकली, और स्तनपायी जीव तक शामिल हैं. यानि हम इंसान भी इन्हीं के वंशज हैं. एक जीवाश्म के विश्लेषण (Analysis of Fossils) में विशेषज्ञों ने पाया है कि जो जीव सबसे पहले समुद्र से धरती पर रहने के लिए आए थे वे महासागर में रहने के लिए वापस चले गए थे. यह शोध जीवों के पानी से धरती पर आने की प्रक्रिया के बारे में 36 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर जीवन के वातावारण के बारे अहम जानकारी देने वाला साबित हो सकता है.
शोधकर्ताओं ने इस जीवाश्म के अध्ययन से पाया है कि कम से कम एक मछली ने तो ऐसा ही किया था जो अपने मीनपंख का काफी उपयोग करती थी जिसे धरती के आने के बाद अहसास हुआ कि उसके मीनपंख तैरने के लिए ही ज्यादा बेहतर हैं. कनवर्सेशन में प्रकाशित लेख में पेन स्टेट में बायोलॉजी के एसिस्टेंट प्रोफेसर थॉमस स्टीवर्ट अपनी पड़ताल की कहानी बताई है.
शुरुआती टेट्रापॉड जीव
स्टीवर्ट को मार्च 2020 में जस्टिन लैमबर्ग के साथ 2004 में कनाडा केआर्कटिक में यह जीवाश्म मिला था जो एक चट्टान में छिपा हुआ था उस समय उसका जबड़ा साफ तौर से दिखाई दे रहा थे. शरीर की आकृति के दिखाई दे रहे संकतों से ही पता चल रहा था कि वह शुरुआती टेट्रापॉड जीव ही होगा.
मीनपंख- जानकारियों के खजाना
बाद में शोधकर्ताओं ने इस पत्थर का सीटी स्कैन किया तो उन्होंने पाया कि इस जीवाश्म में एक पूरा मीनपंख छिपा हुआ है. लेकिन इससे पहले की वे विस्तृत अध्ययन कर पाते, कोविड लॉकडाउन के कारण वे आगे अध्ययन नहीं कर सके. इस तरह के मीनपंख बहुत ही अहम होता है क्योंकि इसमें जानकारियों का खजाना छिपा होता है.
Research, Animals, Evolution, Fish, Qikiqtania, Fossils, Water to Land, History of animals, यह मछली इंसान से लेकर सभी उभयचरों (Amphibians) की पूर्वज थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
कई अहम सवालों के जवाब
मीनपंख यह बता सकता है कि टेट्रोपॉड्स कैसे विकसित हुए थे. वे करोड़ों साल पहले कैसे रहा करते थे. मिसाल के तौर पर उनके हड्डी के ढांचे की कुछ हड्डी के आकार के आधार यह भी पता चल सकता है कि क्या ये जानवर तैरते थे या फिर जमीन पर चल भी लेते थे. शोधकर्ताओं को पहले सीटी स्कैन से ज्यादा जानकारी नहीं मिली थी.
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एक नई प्रजाति
लॉकडाउन के बाद शोधकर्तों ने पत्थर के कुछ हिस्से में कांट छांट की जिससे वे इस मीनपंख के बारे बेहतर जानकारी मिल सके. इसके बाद आंकड़ों का विशलेषण करने पर शोधकर्ताओं को पता चला कि उन्होंने एक नई प्रजाति का जीव खोजा है जो हमारे सबसे नजदीकी हाथपैर वाले रीढ़धारी संबंधी थे.
Research, Animals, Evolution, Fish, Qikiqtania, Fossils, Water to Land, History of animals,शोधकर्ताओं को स्कैन में पता चला कि उन्हें एक बहुत ही संरक्षित मीनपंख (Fin) मिला है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)
किस माहौल में रहते थे ये जीव
शोधकर्ताओं ने इस जीव के किककिकटानिया वाकेई (Qikiqtania wakei) नाम दिया है. जब करोड़ों साल पहले यह मछली जिंदा थी, उस समय के गर्म वातावरण में नदी नाले हुआ करते थे और यह पानी के अंदर ही रहने वाली जीव थी. इसी संवेदी नलिकाएं आसपास के पानी के बहाव को पहचान लेती थी. इस शिकारी जीव का आकार बहुत ही अजीब सा हुआ करता था.
शोधकर्ताओं ने पाया कि किककिकटानिया के मीनपंख अन्य समकालीन टेट्रोपॉड्स की तुलना में कुछ हट कर थे जिससे उन्हें जमीन पर आने पर भी चलने फिरने में मदद नहीं मिल सकी होगी और इस वजह से उन्हें पानी में वापस लौटना ही पड़ा होगा और ये किनारे पर जरूर रही होंगी फिर भी इस खोज ने इतना तो बताया ही है कि उस युग में कितनी ज्यादा विविधता कायम थी.
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