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बच्चों में कोरोना के गंभीर मामले कम देखे गए हैं और इनकी रिकवरी भी बेहतर और तेज रही है
बच्चों में कोरोना के गंभीर मामले कम देखे गए हैं और इनकी रिकवरी भी बेहतर और तेज रही है। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कोविड पर वर्चुअल सेशन के दौरान कही। वह कहती हैं, कोरोना अभी भी खत्म नहीं हुआ है। पिछले 2 सालों में इसने जितना परेशान किया यह अब उतना बुरा असर नहीं छोड़ने वाला।
बच्चों में संक्रमण के सवाल पर दिया जवाब
चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन शुक्रवार को 'महामारी के बाद प्राथमिकता और युवा भारत क्या चाहता है' विषय पर बोल रही थीं। इस दौरान उन्होंने बच्चों से जुड़े सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, अपने बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए लोग बात कर रहे हैं क्योंकि 18 से अधिक उम्र वालों को वैक्सीन लगाई जा रही है। ऐसी स्थिति में आपके आसपास कम उम्र के वो बच्चे रह जाते हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ। इस दौरान जब भी कम्युनिटी में वायरस सर्कुलेट होता है तो उनमें संक्रमण का खतरा रहता है।
चीफ साइंटिस्ट कहती हैं, अगर बच्चे संक्रमित हो भी जाते हैं, तो संभावना है कि वे अच्छी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे। देश में बच्चों के वैक्सीनेशन पर उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए टीके होंगे। ड्रग कंट्रोलर ने जाइडस कैडिला को 12 साल से अधिक उम्र के किशोरों के अलावा 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए मंजूरी दे दी है।
बच्चों के कोविड कनेक्शन पर रिसर्च क्या कहती है
बच्चों और कोविड के बीच कनेक्शन पर किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने रिसर्च की है। रिसर्च कहती है, कोरोना से जूझने वाले ज्यादातर संक्रमित बच्चे हफ्तेभर में ठीक हो जाते हैं। कुछ ही बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखाई देते हैं।
रिसर्चर्स का कहना है, हर 20 में से 1 से भी कम बच्चे में कोविड के लक्षण लम्बे समय के लिए दिख सकते हैं। ये लक्षण 4 हफ्ते से अधिक समय के लिए दिखते हैं और 8 हफ्तों के अंदर बच्चा पूरी तरह से रिकवर हो जाता है। बच्चों में दिखने वाले सबसे कॉमन लक्षणों में सिरदर्द, थकान, गले में खराश और गंध की पहचान न कर पाना शामिल है।
बच्चों में लॉन्ग कोविड के मामले दुर्लभ
लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है, कोविड-19 से संक्रमित करीब 4.4 फीसदी बच्चों में ही एक महीने से अधिक समय तक लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखाई दिए।
किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर एम्मा डंकन का कहना है, संक्रमण के बाद बच्चों में दिमाग से जुड़ी कोई समस्या जैसे दौरे पड़ना, बेचैनी नहीं देखी गई है। इससे साबित होता है कि बच्चों में लॉन्ग कोविड के मामले दुर्लभ होते हैं।
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