विज्ञान

WHO चीफ साइंटिस्ट की वॉर्निंग : देश में तेजी से बढ़ेंगे ओमिक्रॉन केस, फिर से भर जाएंगे अस्पताल

Rani Sahu
31 Dec 2021 5:58 PM GMT
WHO चीफ साइंटिस्ट की वॉर्निंग : देश में तेजी से बढ़ेंगे ओमिक्रॉन केस, फिर से भर जाएंगे अस्पताल
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने शुक्रवार को कहा कि जहां कोविड-19 का ओमिक्रॉन वेरिएंट कम गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है

नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने शुक्रवार को कहा कि जहां कोविड-19 का ओमिक्रॉन वेरिएंट कम गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है, वहीं इससे संक्रमित बड़ी संख्या का एक छोटा प्रतिशत भी बहुत अधिक है और स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है.

शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा, "अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इनमें ज्यादातर वैसे लोग हैं जिन्होंने टीका नहीं लगाया है. हालांकि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज के गंभीर होने का खतरा संभवतः कम है, फिर भी इस नए वेरिएंट से प्रभावित बड़ी संख्या का एक छोटा प्रतिशत भी बहुत अधिक है और स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है. दो साल की सेवा के लिए दुनिया भर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बधाई!"
वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने दी चेतावनी
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ओमिक्रॉन के मामले अभी भी भारत में अस्पतालों पर दबाव डाल सकते हैं क्योंकि "वृद्धि बहुत तेज होने वाली है और बहुत से लोग बीमार होने जा रहे हैं." इसके साथ ही एनडीटीवी ने उनके हवाला से कहा, ओमिक्रॉन के मामलों को लेकर मरीजों का बोझ अस्पतालों से हटकर ओपीडी और आईसीयू से लेकर घर-आधारित देखभाल पर बोझ बढ़ेगा.
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उन्होंने आगे कहा, "सुनिश्चित करें कि हम जितना संभव हो सके घर पर या प्राइमरी केयर आइसोलेशन सेंटर में लोगों का इलाज कर सकते हैं, जहां उन्हें एडवांस केयर की आवश्यकता नहीं होने पर बुनियादी देखभाल मिलती है." स्वामीनाथन ने कहा, "गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए इस प्रकोप का पूरा बोझ आईसीयू और अस्पताल के बिस्तरों के बजाय रोगियों और घर-आधारित सेवाओं पर अधिक होगा."
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में 'ओमिक्रॉन' के 309 नए मामले सामने आने के बाद, देश में इस स्वरूप के मामले बढ़कर 1,270 हो गई. सामने आए 1,270 मामलों में से, 374 लोग स्वस्थ हो गए या अन्य स्थानों पर चले गए हैं. भारत में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 450 मामले सामने आए. इसके बाद दिल्ली में 320, केरल में 109 और गुजरात में 97 मामले सामने आए हैं.
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