विज्ञान

बाहरी ओर Planet Nine है या नहीं, नई स्टडी ने किया दावा

Apurva Srivastav
16 Feb 2021 3:59 PM GMT
बाहरी ओर Planet Nine है या नहीं, नई स्टडी ने किया दावा
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सौर मंडल के बाहरी ओर Planet Nine है या नहीं, एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इस सवाल का जवाब मिल गया है

सौर मंडल के बाहरी ओर Planet Nine है या नहीं, एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इस सवाल का जवाब मिल गया है। ऐस्ट्रोनॉमर्स के मुताबिक लंबे समय से पहली बना Planet Nine असल में एक भ्रम है और हो सकता है कि ऐसा कोई ग्रह हो ही ना। मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने इस 'सुपर अर्थ' जैसे ग्रह की मौजूदगी के सबूत खोजने के लिए सौर मंडल के कई सर्वे देखे और उनके आधार पर यह नतीजा पाया है।

बना है रहस्य...
Planet Nine की थिअरी 2016 में चर्चित हुई थी जब कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के ऐस्ट्रोनॉमर्स ने वरुण (Neptune) ग्रह की कक्षा के अंदर और बाहर क्लस्टर में मौजूद कुछ अजीब ऑब्जेक्ट्स को बड़े ग्रह की संभावना के साथ जोड़ा था। इस ग्रह को Planet Nine नाम दिया गया। माना जाता है कि यह धरती से 10 गुना बड़ा है और सूरज से 400 ऐस्ट्रोनॉमिकल यूनिट दूर है लेकिन आज तक इसकी मौजूदगी का पुख्ता सबूत नहीं मिला।
क्या है Planet Nine?
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की टीम ने इन Extreme Trans-Neptunian Objects (ETNO) के तीन अलग-अलग सर्वे को एग्जामिन किया और पाया कि असल में यहां क्लस्टर का कोई सबूत ही नहीं है। ऐस्ट्रोनॉमर्स कॉन्स्टैंटिन बैटिगिन और माइकल ब्राउन ने 2016 में Planet Nine की थिअरी दी थी। उन्होंने ETNOs एक ही ऐंगल पर पाए थे जहां से वे सूरज के सबसे करीब थे। इतने सारे ऑब्जेक्ट्स का एक साथ आना हैरान करने वाला था। इसलिए उन्होंने एक सिम्यूलेशन तैयार किया जिसमें संभावना जताई गई कि सुपर अर्थ जैसे ग्रह की वजह से ये क्लस्टर बनता है।
दिखना है मुश्किल
ETNOs की कक्षा विशाल और अंडाकार है और ये कभी वरुण की कक्षा से ज्यादा सूरज के करीब नहीं आते हैं और 150 AU से ज्यादा दूर भी नहीं जाते हैं। एक AU धरती और सूरज के बीच की दूरी यानी 14 करोड़ किलोमीटर है। वरुण सूरज से 4.4 अरब किलोमीटर दूर है। ETNOs की सूरज से दूरी एक बड़ा कारण है कि इन्हें देखा जाना मुश्किल है। इसलिए इनकी मौजूदगी का सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।
नई स्टडी तोड़ेगी पुरानी थिअरी?
ताजा स्टडी में दावा किया गया कि ETNOs में क्लस्टरिंग का कोई ठोस सबूत है ही नहीं। इसलिए क्लस्टरिंग पैदा करने वाले किसी Planet Nine की थिअरी भी सही नहीं है। इस स्टडी के लिए अलग-अलग सर्वे का डेटा लिया गया जिनका फोकस किसी और खोज पर था। अगर यहां वाकई कोई ग्रह होता तो अलग-अलग डेटा से भी उसके संकेत मिलते। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, टीम के सदस्य डेविड गर्डीस का कहना है कि किसी ग्रह के होने या न होने की पुष्टि नहीं की जा सकती लेकिन सिर्फ ETNOs के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि Planet Nine है।


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