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आखिर कहां जाती हैं ये सुरंगें? 3000 साल पुराने मंदिर के नीचे मिले 34 रहस्यमय रास्ते

Rani Sahu
3 Jun 2022 3:51 PM GMT
आखिर कहां जाती हैं ये सुरंगें? 3000 साल पुराने मंदिर के नीचे मिले 34 रहस्यमय रास्ते
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पुरातत्वविदों की एक टीम ने पेरू के एंडीज में 3 हजार साल से अधिक पुराने एक मंदिर के नीचे सुरंगों के एक नेटवर्क की खोज की है

लीमा : पुरातत्वविदों की एक टीम ने पेरू के एंडीज में 3 हजार साल से अधिक पुराने एक मंदिर के नीचे सुरंगों के एक नेटवर्क की खोज की है। उत्तर-मध्य एंडीज में स्थित चाविन डी हुआंतार मंदिर एक वक्त पर पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए धार्मिक और प्रशासनिक केंद्र था। खुदाई में शामिल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक पुरातत्वविद जॉन रिक के अनुसार सुरंगों की खोज मई की शुरुआत में की गई थी।

माना जाता है कि ये सुरंगें मंदिर की भूलभुलैया गैलरियों से भी अधिक पुरानी हैं। समुद्र तल से 3200 मीटर की ऊंचाई पर कई साल की खुदाई के बाद कुल 35 सुरंगों की खोज की गई है। ये सभी सुरंगें एक-दूसरे से जुड़ी हैं और इनका निर्माण 1200 और 200 ईसा पूर्व के बीच एंडीज की तलहटी में किया गया था। रिक ने कहा, 'ये सुरंगे हैं लेकिन ये बिल्कुल अलग हैं। यह निर्माण का एक बिल्कुल अलग रूप है।'
'चाविन डी हुआंतार' नाम का इतिहास
उन्होंने कहा कि इनमें ऐसी कई चीजें शामिल हैं जिन्हें हमने पहले कभी सुरंगों में नहीं देखा। चाविन डी हुआंतार को 1985 में वैश्विक धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया था। चाविन डी हुआंतार उस ऑपरेशन का नाम था जिसे पेरू के सशस्त्र बलों ने 1997 में टुपैक अमारू रिवोल्यूशनरी मूवमेंट (MRTA) विद्रोही समूह के खिलाफ चलाया था। सैनिकों ने इस ऑपरेशन को समूह द्वारा बंधक बनाए गए 72 लोगों को छुड़ाने के लिए चलाया था। इस दौरान सैनिकों ने सुरंगों का एक नेटवर्क भी बनाया था।
इराक में मिला 3400 साल पुराना शहर
कुछ दिनों पहले पुरातत्वविदों ने इराक में 3400 साल पुराने एक प्राचीन शहर की खोज की थी जिसके लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार था। दरअसल इराक में बढ़ते तापमान के कारण मोसुल जलाशय का पानी सूख गया और पानी के नीचे छिपा एक प्रचीन शहर अपने आप सामने आ गया। इराक का यह प्राचीन शहर कभी उत्तरी मेसोपोटामिया के एक इंडो-ईरानी साम्राज्य मित्तानी की टिग्रिस नदी पर स्थित था। इराक इस वक्त भयंकर सूखे की चपेट में है जिसकी वजह से देश का सबसे बड़ा जलाशय सूख गया है। कुर्द और जर्मन शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस शहर का पता लगाया था।
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