विज्ञान

मरने से पहले आदमी के दिमाग में क्या चलता है? एक्सपर्ट्स ने किया चौंकाने वाला दावा

Gulabi
24 Feb 2022 5:19 PM GMT
मरने से पहले आदमी के दिमाग में क्या चलता है? एक्सपर्ट्स ने किया चौंकाने वाला दावा
x
एक्सपर्ट्स ने किया चौंकाने वाला दावा
मौत इस दुनिया का सबसे खौफनाक सच है जिसे लोग जानते तो हैं मगर अपना कोई नहीं पाता. हर किसी को पता है कि दुनिया का हर इंसान इस दुनिया को अलविदा कहेगा, मगर अपने प्रियजनों के गुजरने पर उसे जो दर्द मिलता है उसका हिसाब नहीं लगाया जा सकता. पर क्या आपने कभी सोचा है कि मरते हुए आदमी के आखिरी खयला (Last thoughts of dying man) क्या होते हैं? हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया है जो बेहद चौंकाने (Thoughts right before death) वाला है.
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ लूइसविले (University of Louisville) के न्यूरोसर्जन ( neurosurgeon) डॉ. अजमल जेमार ने एक स्डटी कंडक्ट की है जिसके जरिए उन्होंने हैरान करने वाला दावा किया है. उन्होंने बताया कि मरने से चंद पल पहले इंसान के दिमाग में क्या चलता है, उसे कैसे खयाल आते हैं. यूं तो ये एक बड़ी पहेली है क्योंकि मौत के मुंह के करीब पहुंच चुका शख्स जो बेहद बीमार है, वो मरने के दौरान बता नहीं सकता कि उसे कैसा लग रहा है. मगर साइंटिस्ट ने जो दावा किया है अगर उसका यकीन किया जाए तो ये आश्चर्यचिकत करने वाली खोज हो सकती है.
मौत से ठीक पहले क्या सोचता है इंसान?
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार 87 साल के एक बुजुर्ग शख्स को, जिसका मिरगी का इलाज चल रहा था, इलेक्ट्रोएनसिफेलोग्राम electroencephalogram पर रखा गया था जब उसकी हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई. मगर इस डायगनोस्टिक टेस्ट के चलते अंजाने में ही उस शख्स का ब्रेन मैपिंग हो गया जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो आखिरी पलों में किन बातों को सोच रहा था. इस रिसर्च के अनुसार शख्स के आखिरी समय में उसके दिमाग में उसकी जीवन की अच्छी और प्यारी बातें चल रही थीं. यानी दिल की आखिरी धड़कन के 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद उसका दिमाग जीवन की मेमोरीज को याद कर रहा था.
चौंकाने वाली है रिसर्च
आपको बता दें कि इस टेस्ट में दिमाग पर गामा ओसिलेशन वेव डाली जाती हैं जो मेमोरी रिट्रीवल, मेडीटेशन और सपना देखने के बारे में पता लगाती हैं. इससे ये पता लगा कि मौत से ठीक पहले दिमाग में वैसी ही हलचल होती है जैसी तब होती है जब इंसान ये सारी चीजें करता है. डॉक्टर्स ने अंदाजा लगाया कि शायद ऐसा इसलिए होने लगता है क्योंकि शरीर खुद को पीड़ा और दर्द से निपटने के लिए तैयार करता है जिससे मौत आसान हो जाए. इंसान एक तरह से सपना देखने लगता है. फ्रंटियर ने एजिंग न्यूरोसाइंस में ये शोध पब्लिश किया गया है.
Next Story