विज्ञान

क्या हैं मौन की शक्ति के शारीरिक और मानसिक लाभ, जाने

Subhi
16 Aug 2022 5:38 AM GMT
क्या हैं मौन की शक्ति के शारीरिक और मानसिक लाभ, जाने
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मौन और शांति (Silence) धार्मिक शब्द माने जाते हैं. आज के समय में शोर एक तेजी से बढ़ती समस्या होता जा रहा है.हमारे वाहनों का शोर, आस पास सार्वजनिक कार्यक्रमों में संगीत आदि के साथ हमारी जीवन शैली (lifestyle) भी ऐसी होती जा रही है

मौन और शांति (Silence) धार्मिक शब्द माने जाते हैं. आज के समय में शोर एक तेजी से बढ़ती समस्या होता जा रहा है.हमारे वाहनों का शोर, आस पास सार्वजनिक कार्यक्रमों में संगीत आदि के साथ हमारी जीवन शैली (lifestyle) भी ऐसी होती जा रही है कि हमें पता ही नहीं होता है कि हमारी दिनचर्चा में शांति के पल हमें कब नसीब होते हैं. आध्यात्मिक शांति के लिए मौन कई धर्मों में एक समाधान बताया गया है. लेकिन क्या इनका सेहत से भी कोई गहरा नाता है? जी हां, अब वैज्ञानिक प्रमाण भी मानते हैं कि शोर तो सेहत पर बहुत गहरा और बुरा असर डाल रहा है और मौन एवं शांति से सेहत को बहुत सारे फायदे भी होते हैं.

चौंकाने वाले नतीजे भी

कई विशेषज्ञ और शोध अध्ययन इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि दुनिया में बढ़ते शोर के बीच कुछ शांति के पल हमें बहुत सारे सेहतमंद फायदे दे सकते हैं. आवाज की अनुपस्थिति का मतलब खालीपन लग सकता है, लेकिन आवाज को कम करने से हमें शरीर, दिमाग और मिजाज के स्तर पर काफी चौंकाने वाले बढ़िया नतीजे देखने को मिल सकते हैं.

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप में

मौन या शांति के पल सबसे ज्यादा फायदा हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप में बहुत लाभकारी होते हैं. साल 2006 के एक विश्वसनीय अध्ययन में पाया गया था कि गाने सुनने के बाद के दो मिनट के ही शांति के पल लोगों में बहुत कारगर तरीके से दिल की धड़कन की दर और ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक होते है. यहां तक कि धीमे, सुकूनदायक संगीत की तुलना में शांति के पल दिल की सेहत से जुड़ी समस्याओं को कम करते हैं.

शोर और एकाग्रता

यही कारण है कि अहम परीक्षाएं जब आयोजित की जाती हैं तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आसपास कहीं संगीत नहीं बज रहा हो. कानों में व्यवधान ना होने एकाग्रता कायम करने में मदद करता है. शोर के व्यवधान से मुक्ति होने पर हमारा दिमाग दिए गए काम को बेहतर तरीके से एकचित्त होकर निपटा पाता है. इसके फायदे कार्यस्थल, शिक्षा, संबंधों आदि में मिल सकते हैं.

तेजी से भागते विचार

आज की भागदौड़ की दुनिया में हमारा दिमाग भी तेजी से दौड़ता प्रतीत होता है. इसमें विचारों का अनवरत प्रवाह बहता रहता है जिसे काबू करना लगभग असंभव जान पड़ता है. लेकिन ऐसा नहीं है. शांत रहना सीखने से हम अपने चेतना को अनावश्यक ऊर्जा बरबाद करने से रोक सकते हैं और बेचैनी जैसी समस्याओं से भी निजात पा सकते हैं. इससे हमें वर्तमान में पूरी तरह से रहने में मदद मिलती है.

मस्तिष्क का विकास

हमारे मस्तिष्क की वृद्धि और विकास में भी मौन बहुत कारगर साबि हो सकता है. 2013 में हुए अध्ययन में पाया गया है कि दो घंटों के मौन से चूहों के हिप्पोकैम्पस में नई कोशिकाओं का विकास शुरू हो गया था. यह वह क्षेत्र है जो याद्दाश्त और भावनाओं से संबंध रखता है. इस खोज ने इस दिशा में कई शोधों के लिए प्रेरणा का काम किया था. जबकि आध्यात्मिक तौर पर कई जगह इस तरह के फायदे बताए भी जाते हैं.


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