- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- विज्ञान
- /
- पूरी ज़िंदगी में इतने...
हम तरह-तरह के लोगों से अपनी ज़िंदगी में मिलते हैं. सबकी अपनी खासियत होती है. कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनसे आप ज़बरन बात करते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा बोलना अच्छा नहीं लगता तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो एक बार शुरू हो जाएं तो उनका चुप होना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में सोचिए हम दिन भर में जो कुछ भी बोलते (Fun Facts About Talking) हैं, उसमें कितने शब्द होते हैं ? औसतन एक इंसान अपनी पूरी ज़िंदगी में कितना बोल जाता होगा?
सुबह से शाम तक हम कुछ न कुछ तो बोलते ही रहते हैं. जिन लोगों की कम बोलने की आदत होती है, वो ज़रा कम बोलते हैं और जिनकी ज्यादा बोलने की आदत होती है, वो तो न जाने कितना बोल जाते होंगे. ब्रिटिश लेखक और ब्रॉडकास्टर Gyles Brandreth ने इसी का अनुमान लगाते हुए एक किताब में इससे जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स बताए हैं. चलिए हम आपको वो मजेदार तथ्य बताते हैं.
कितना बोल जाते हैं हम !
Gyles Brandreth ने एक किताब लिखी है The Joy of Lex: How to Have Fun with 860,341,500 Words. इसी किताब में गेल्स ने बताया है कि एक इंसान औसतन अपनी पूरी ज़िंदगी में 860,341,500 शब्द तो बोलता ही बोलता है. ये आंकड़ा देखकर ही आप चौंक गए होंगे लेकिन उन्होंने इस आंकड़े से जुड़े और भी दिलचस्प तथ्य बताए हैं. 86 करोड़ कोई छोटा-मोटा आंकड़ा तो है नहीं, ऐसे में अगर इसकी तुलना डिक्शनरी से की जाए तो ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के 20 वॉल्यूम इस शब्दकोष से भर जाएंगे.
How Many Words We Speak in a Lifetime, Do you know how many words we speak, interesting facts about life, interesting facts about talking, Gyles Brandreth, Fun Facts About Talking, Talking Facts, Fun with Wordsडॉक्टर निकोलस एल्मर के मुताबिक लोगों की 80 फीसदी बातें गॉसिप होती हैं और सिर्फ 20 फीसदी काम की होती हैं. (Credit- Pixabay/सांकेतिक तस्वीर)
7000 शब्द एक दिन में बोलते हैं हम
LinkedIn लर्निंग इंस्ट्रक्टर Jeff Ansel के मुताबिक एक इंसान दिन में कम से कम 7000 शब्द बोल लेता है. हालांकि ज्यादा बोलने वाले लोग इससे ज्यादा भी बोलते होंगे. दुनिया के सबसे तेज़ बोलने वाले शख्स John Moschitta Jr थे, जो एक मिनट में 583 शब्द बोल सकते थे. ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक डॉक्टर निकोलस एल्मर के मुताबिक लोगों की 80 फीसदी बातें गॉसिप होती हैं और सिर्फ 20 फीसदी काम की होती हैं. रिसर्च ये भी कहता है कि हम 60 फीसदी बातें सिर्फ अपने बारे में करते हैं.