विज्ञान

stray planet: मिल गए 7 वो ग्रह, बस सकता है इंसान वैज्ञानिकों ने कर दी खुलासा

Deepa Sahu
7 Jun 2024 12:59 PM GMT
stray planet: मिल गए 7 वो ग्रह, बस सकता है इंसान वैज्ञानिकों ने कर दी खुलासा
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stray planet; हाल में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने यूक्लिड स्पेस टेलिस्कोप से सात नए ‘अवारा’ ग्रहों की खोज की है. ये ग्रह हमारे धरती की तरह अपने सूर्य की परिक्रमा नहीं करते हैं. ये यूनिवर्स में स्वतंत्र रूप से इधर-उधर तैर रहे हैं. इनपर कभी दिन नहीं होता है, सालों भर अंधेरा छाया रहता है यानी की रात रहती है. ऐसे में इन ग्रहों पर अंधेरा अधेरा होने के बावजूद यहां पर जीवन की संभावना जताई जा रही है. ये ऐसे दुनिया के रहस्यों पर प्रकाश डाल सकते हैं, जहां पर पहले से भी जीवन हो सकता है. ये ग्रह पृथ्वी से 1500 प्रकाश वर्ष दूर हैं.
वैज्ञानिकों ने कहा कि भले ही ये ‘अवारा’ ग्रह अंतरिक्ष में अलग-थलग पड़े हैं, लेकिन वैज्ञानिकों को लगता है कि यहां पर जीवन संभव हो सकता है या ये भी हो सकता है कि यहां पहले से भी मौजूद हो सकते हैं यानी कि एलियन जीवन वहां पर मौजूद हो. शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारे मिल्की-वे में ऐसे ‘अवारा’ दुष्ट ग्रह मौजूद हैं. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि इन सात नए स्वतंत्र- रूप से तैरते ग्रहों का में से प्रत्येक का द्रव्यमान बृहस्पति से चार गुना बड़ा है. लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री गेविन कोलमैन ने ‘अवारा’ ग्रहों के बारे में बात करते हुए कई दिलचस्प बातें बताईं. वहीं एक स्पेनिश खगोलशास्त्री एडुआर्डो मार्टिन इन ग्रहों के बारे में बात करते हुए कहा कि इनका आकार किसी आईसबर्ग के उपरी भाग के जैसा होता है.
एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं कोलमैन ने कहा, ‘हम सभी आसमान मेंsun को देखकर बड़े हुए हैं, हम ऐसे ग्रह के बारे में सोच नहीं सकते हैं कि स्पेस में कोई ऐसा तारा होगा जिस पर कोई जीवन संभव हो. ये सभी ‘अवारा’ ग्रह अकेले नहीं बल्कि बाइनरी सिस्टम में रहते हैं, जिनमें दो ग्रह एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं.’
कई अवारा ग्रह मौजूद हैं? इन ग्रहों पर इंसानों के रहने योग्य वातावरण की बाहरी जीवन की खोज में महत्वपूर्ण असर डाल सकता है. मार्टिन ने कहा, ‘हमारे आसापास के कुछ निकटतम पड़ोसी ग्रह संभवतः ‘अवारा’ ग्रह हैं.’ ऐसा माना जा रहा है कि ऐसे ग्रह अंदर से ठंडे होते हैं और उनमें जीवन को सहारा देने वाली कोई भी ऊर्जा किसी तारे से नहीं बल्कि उनके अंदर से आती है.
अंधेरे में जीवन कैसे संभव है जैसे कि पृथ्वी पर Geothermal छिद्र हैं, जो अंधेरे जीवन को पनपने में मदद करते हैं वैसे ही इन ‘अवारा’ समान परिस्थितियां पनपने की संभावना को संकेत दे सकता है. यहां पर बैक्टीरिया और माइक्रोबियल जीवन को बढ़ावा मिलने की संभावना है.
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