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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: तेलंगाना (Telangana) के संगारेड्डी जिले (Sangareddy District) में एक नदी बहती है, जिसका नाम है मंजीरा (Manjira River). 4 सितंबर 2022 यानी रविवार को वहां काले बादल छाए हुए थे. इसी बीच वतपल्ली मंडल इलाके (Vatpalli Mandal) में मंजीरा नदी से पानी गोल घूमते हुए तेजी से बादलों की ओर जाने लगा. असल में नदी का पानी हवाई बवंडर में फंस गया. हवा के तेज बहाव से पानी उठकर आसमान में जाने लगा.
असल में इस प्रक्रिया को जल बवंडर (Water Tornado) कहते हैं. इसे वाटर स्पाउट (Water Spouts) भी बुलाया जाता है. यह काफी ज्यादा दुर्लभ प्रक्रिया है. आसानी से देखने को नहीं मिलती. हाल ही में अमेरिका के कुछ राज्यों में यह नजारा देखने को मिला था. जब किसी इलाके में घने बादल छाएं हों. चारों तरफ से तेज हवाएं आकर किसी एक जगह मिलने लगती हैं, तब वहां बवंडर बनता है.
ये बवंडर जमीन पर होता है तब उसे टॉरनैडो कहते हैं. अगर यह किसी नदी या समुद्र के ऊपर बनता है तो उसे जलस्तंभ (Water Spout) कहते हैं. जमीन आए बवंडर में धूल, मिट्टी, पेड़, पौधे, घर, गाड़ियां आदि उड़ते हैं. जल बवंडर में मछलियां और नाव आसमान में उड़ जाते हैं.
It's a manjeera river . At మంజీరా నదిలో అద్భుత దృశ్యం.. ఆకాశం నుంచి నదిలోకి తెల్లని ధార. Sangareddy pic.twitter.com/3NdgeBU5Pf
— RameshVaitla (@RameshVaitla) September 5, 2022
जल बवंडर बनने का कोई तय समय या स्थान नहीं होता. इसलिए साइंटिस्ट इसकी ज्यादा स्टडी भी नहीं कर पाए हैं. कई बार जल बवंडर कुछ सेकेंड्स का होता है. कई बार 15-20 मिनट या उससे ज्यादा देर तक दिख सकता है. यह उसी जगह बनता है जहां पर पानी मौजूद हो. अगर पानी के ऊपर बवंडर बनता है तो संभावना रहती है कि वो जल बवंडर का रूप अख्तियार कर ले.
आमतौर पर जल बवंडर का निर्माण कपासी बादलों (Cumulonimbus Clouds) से होता है जो बहुत कम दिखते है. यह उष्णकटिबंधीय या गर्म इलाकों में ज्यादा देखने को मिलते है. यानी भारत जैसे मौसम वाले देशों में ऐसे बादलों का बनना कम होता है. इसलिए जल बवंडर भी कम दिखते हैं. लेकिन तेलंगाना में बना जल बवंडर हैरान करने वाला था. यह जब बवंडर पिछली साल फ्लोरिडा में 400 से अधिक बार देखने को मिला है. इसके अलावा यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा में भी देखने को मिलते हैं.
जब भी जल बवंडर को देखा जाता है, ऐसा लगता है की पानी आसमान में जा रहा हो. इसकी चौड़ाई 50 मीटर तक हो सकती है. इसमें 80 KM प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलती है, जो जल बवंडर की सब से कमजोर गति मानी जाती है. जल बवंडर (Waterspouts) उस जगह पर बनता है, जहां पर बहुत अधिक नमी होती है. तापमान गर्म होता है. जहां पर जल बवंडर बनता है वहां पर पानी का ऊपरी हिस्सा काले रंग का हो जाता है. जल बवंडर धीरे-धीरे बनना शुरू होता है. वहीं उसकी शाखा बनने लगती है. फिर इसमें काले रंग के घूमने वाले छल्ले बनने लगते है. फिर वह अपने विकराल रूप में आ जाता है. पानी और बादलों के बीच ऐसा लगता है की कोई खोखला फ़नल या कुप्पी नाच रही हो. जैसे ही गर्म हवा का असर कमजोर होता है. यह जल बवंडर खत्म हो जाता है.
जल बवंडर आमतौर पर विनाशकारी होता है. ये रेत के कण, छोटी तैरती चीजें, जीव, वस्तुएं, इंसान, जानवर और छोटी नाव को भी उड़ा ले जाता है. अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा जल बवंडर के आने की आशंका में चेतावनी जारी करती है. नावों, जहाजों और समुद्री तट पर रहने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा करने के अलावा, जल बवंडर हवाई जहाजों को भी कई बार खतरे में डाल सकते हैं.
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