- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- विज्ञान
- /
- VIDEO : बृहस्पति पर...
x
हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति हमेशा से खगोलविदों के लिए अबूझ पहेली रहा है
हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति हमेशा से खगोलविदों के लिए अबूझ पहेली रहा है। इस ग्रह के सतह पर होने वाली कई घटनाएं आज भी रहस्य बनी हुईं हैं। इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के हबल टेलिस्कोप ने बृहस्पति ग्रह की सतह पर एक लाल धब्बे (ग्रेट रेड स्पॉट) का पता लगाया है। यह लाल धब्बा दरअसल बृहस्पति पर आया एक बड़ा तूफान है।
लगातार बढ़ रही है तूफान की स्पीड
हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने बताया है कि बृहस्पति पर आए इस तूफान की गति लगातार बढ़ रही है। टेलिस्कोप के भेजे गए डेटा से पता चला है कि बृहस्पति के सतह पर दिखे लाल धब्बे के सबसे बाहरी इलाके में हवाएं तेज हो रही हैं। नवीनतम तूफान रिपोर्टों से पता चला है कि इस धब्बे के भीतर हवा की औसत गति 2009 से 2020 तक 8 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
तूफान के अंदरूनी भाग में हवा की स्पीड काफी कम
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि इस लाल धब्बे के अंदरूनी हिस्से में हवाओं की स्पीड काफी कम है। इस ग्रेट रेड स्पॉट को 150 से अधिक वर्षों से बृहस्पति ग्रह पर उग्र रूप में देखा गया है। ये लाल बादल 600 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घड़ी की उल्टी दिशा में घूम रहे हैं।
Like the speed of an advancing race car driver, the winds in the outermost "lane" of #Jupiter's Great Red Spot are accelerating – a discovery only made possible by #Hubble, which has monitored the planet for more than a decade. (1/7) pic.twitter.com/XT7CriRfq0
— Hubble Space Telescope (@HubbleTelescope) September 29, 2021
हबल टेलिस्कोप से मिले डेटा ने रहस्य को खोला
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के माइकल वोंग ने कहा कि जब मैंने हबल टेलिस्कोप से मिले शुरुआती रिजल्ट देखे, तो मैंने पूछा 'क्या इसका कोई मतलब है?' ऐसा पहले कभी किसी ने नहीं देखा। लेकिन, यह कुछ ऐसा है जो केवल हबल ही कर सकता है। हबल की लंबी उम्र और उसके लेंस इस रहस्य हो धरती तक पहुंचाने में सहायक साबित हो रहे हैं।
ग्रेट रेड स्पॉट क्या है?
ग्रेट रेड स्पॉट हमारे सौर मंडल में तूफानों का राजा है। जूनो स्पेसक्राफ्ट के हालिया फ्लाईबाई ने वैज्ञानिकों को यह निर्धारित करने में मदद की कि तूफान की जड़ें बृहस्पति के वायुमंडल में कम से कम 320 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। तुलना के लिए, पृथ्वी पर एक सामान्य उष्णकटिबंधीय चक्रवात सिर्फ लगभग 15 किलोमीटर तक फैला होता है। खगोलविदों ने नोट किया है कि यह आकार में सिकुड़ रहा है। पिछले कुछ तूफानों का अध्ययन करने पर पता चला है कि यह अंडाकार से गोलाकार हो रहा है।
Next Story