विज्ञान

मंगल ग्रह पर आए दो भयानक भूकंप, 94 मिनट तक कांपता रहा लाल ग्रह

Tulsi Rao
28 April 2022 3:34 PM GMT
मंगल ग्रह पर आए दो भयानक भूकंप, 94 मिनट तक कांपता रहा लाल ग्रह
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मंगल ग्रह पर पिछले कुछ दिनों से रहस्यमयी भूकंप आ रहे हैं. इससे पहले ऐसी घटना वैज्ञानिकों ने कभी देखी नहीं थी. लेकिन हाल ही में दो बड़े भयानक भूकंप दर्ज किए गए. इन दोनों भूकंपों की तारीखें और तीव्रता नासा (NASA) के इनसाइट लैंडर (InSight Lander) ने दर्ज की है. हालांकि यह माना जा रहा है कि लाल ग्रह के अंदर किसी तरह की ज्वालामुखीय घटना हो रही है. यह ग्रह काफी ज्यादा सक्रिय है

इनसाइट लैंडर (InSight Lander) ने नवंबर 2018 में मंगल ग्रह की सतह पर अपने कदम जमाए थे. तब से लेकर अब तक इसने कई मार्सक्वेक (Marsquakes) यानी मंगल ग्रह पर भूकंप दर्ज किए लेकिन हाल ही में दो बड़े स्तर के भूकंपों ने इस लैंडर को भी हिला दिया. इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल में सीस्मोलॉजिस्ट एना होर्लेस्टन ने एक बयान में कहा कि यह बेहद बड़े और दूर तक असर दिखाने वाली गतिविधियां हैं. मंगल ग्रह पर आए अब तक के भूकंपों में सबसे भयानक और बड़े जो इंसानों ने दर्ज किए हैं.
पहले भूकंप को नाम दिया गया है S0976a. इसकी तीव्रता 4.2 थी. यह 25 अगस्त 2021 को आया था. इसका केंद्र मंगल ग्रह की सबसे बड़ी घाटी वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) थी. यह घाटी 4000 किलोमीटर लंबी है. लेकिन इसकी तीव्रता को इस घाटी के विपरीत दिशा में ग्रह के दूसरी तरफ मौजूद इनसाइट लैंडर (InSight Lander) ने दर्ज किया. इस घाटी में कई भूकंपीय फॉल्ट्स हैं. यह सौर मंडल का सबसे बड़ा कैनयन सिस्टम है. यहां प भूस्खलन भी होता रहता है.
दूसरे भूकंप का नाम है S1000a. पहले भूकंप के 24 दिन बाद 18 सितंबर को आया. इसकी तीव्रता 4.1 थी. लेकिन इसका केंद्र पता नहीं चल पाया. यह भूकंप 94 मिनट तक मंगल ग्रह को कंपकंपाता रहा. यह मंगल ग्रह पर अब तक दर्ज सबसे लंबी भूकंपीय गतिविधि थी. इनसाइट लैंडर (InSight Lander) के सीस्मोमीटर ने यहां पर धरती पर आने वाले भूकंपों की तरह दो तरह की तरंगों को महसूस किया. जिन्हें प्रेशर वेव्स (Pressure Waves) कहते हैं.
इन गतिविधियों से यह पता चलता है कि मंगल ग्रह फिलहाल मरने वाला तो नहीं है. लेकिन उसके अंदर बहुत ज्यादा खलबली मची हैं. मंगल ग्रह के अंदर लगातार घरघराहट हो रही है. भूकंपीय गतिवधियां बढ़ी हुई हैं. ऑस्ट्रेलिया में स्थित ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट हरवोए कालसिक ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि हम मंगल ग्रह के मैंटल (Mantle) को समझे.
हरवोए कालसिक ने कहा कि मैंटल को समझने से हम यह जान पाएंगे कि यहां इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं. दूसरा यह ग्रह कैसे विकसित हुआ. सौर मंडल में कैसे ग्रहों का निर्माण हुआ. बहुत समय से वैज्ञानिक यह मानकर चल रहे थे कि मंगल ग्रह शांत है. किसी तरह की गतिविधियां नहीं हो रही हैं, हो सकता है कि वह मरने की कगार पर जा रहा हो. लेकिन इन गतिविधियों ने बता दिया कि मंगल जीवित है और पूरी तरह से दमदार है


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