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करीब से जांच कर सकते हैं वैज्ञानिक
दो स्पेसक्राफ्ट (Spacecraft) इस हफ्ते एक-दूसरे से कुछ घंटों के अंतराल पर शुक्र ग्रह (Venus Planet) के पास से गुजरेंगे. इस दौरान वे शुक्र से जुड़ी जानकारियों को पृथ्वी (Earth) पर वापस भेजेंगे. ये दोनों ही स्पेसक्राफ्ट सौरमंडल (Solar System) के केंद्र में अपने मिशन के लिए रवाना हुए हैं, मगर इस दौरान ये शुक्र ग्रह के पास भी गुजरने वाले हैं.
NASA के सहयोग से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) का 'सोलर ऑर्बिटर' (Solar Orbiter) सोमवार को शुक्र के चारों ओर चक्कर लगाएगा. ग्रह के गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल करते हुए इसे सूर्य के ध्रुवों का निरीक्षण करने में मदद मिलेगी.
करीब 33 घंटे बाद यूरोपियन-जापानी स्पेसक्राफ्ट बेपीकोलंबो (BepiColombo) सोलर ऑर्बिटर से भी ज्यादा करीब से शुक्र ग्रह के पास से गुजरेगा. इस दौरान ये ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के जरिए अपनी रफ्तार को कम करेगा और सुरक्षित रूप से बुध ग्रह की ओर बढ़ जाएगा. इसे 2025 तक बुध ग्रह तक पहुंचना है.
बेपीकोलंबो के स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन मैनेजर एल्सा मोंटागनोन ने कहा, शुक्र ग्रह के पास से गुजरे बिना, हम अपने टार्गेट ग्रह तक नहीं पहुंच पाएंगे. प्रोपलैंट के नजरिए से बुध ग्रह की कक्षा में पहुंचने के लिए जरूरी ऊर्जा काफी महंगी है.
दोनों ही स्पेसक्राफ्ट कई तरह के वैज्ञानिक उपकरणों से लैस हैं. इनमें से कुछ का इस्तेमाल शुक्र ग्रह के करीबी निरीक्षण के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा, ग्रह के वातावरण को समझने की कोशिश भी की जाएगी. गौरतलब है कि शुक्र ग्रह के तापमान की वजह से इसे 'जहन्नुम' माना जाता है.
इन दोनों स्पेसक्राफ्ट से मिली जानकारी को जापानी जांच अकात्सुकी द्वारा लिए गए डाटा से मिलाया जाएगा. अकात्सुकी पहले से ही पृथ्वी के सबसे गर्म पड़ोसी के चारों ओर कक्षा में मौजूद है. वहीं, NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी इस दशक के अंत तक शुक्र पर तीन और मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं.
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