विज्ञान

आज धरती के करीब से गुजरेंगे दो Asteroid, जाने कितना है खतरा

Nilmani Pal
14 Nov 2020 1:21 AM GMT
आज धरती के करीब से गुजरेंगे दो Asteroid, जाने कितना है खतरा
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आज धरती के करीब से गुजरेंगे दो Asteroid, जाने कितना है खतरा 

धरती की ओर दो ऐस्टरॉइड आ रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : वॉशिंगटन : धरती की ओर दो ऐस्टरॉइड आ रहे हैं जिनमें से एक ताज महल के आकार का है। जब भारत के साथ-साथ दुनियाभर में दिवाली मनाई जा रही होगी, ऐस्टरॉइड 2020 TB9 और ऐस्टरॉइड 2020 ST1 धरती के पास से गुजरेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक NASA ने 2020 ST1 को खतरनाक करार दिया है।

NASA के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज ने कहा है कि 175 मीटर का ऐस्टरॉइड 2020 ST1 धरती के पास से 28,646 किमी प्रतिघंटा की स्पीड पर गुजरेगा। वहीं, 2020 TB9 30 मीटर का है और इसका आकार एक औसतन हवाई जहाज जितना है। यह 21,600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरेगा।

ऐस्टरॉइड 2020VL1 और ऐस्टरॉइड 2019VL5 भी धरती के करीब से 13 और 15 नवंबर को गुजरेंगे। ऐस्टरॉइड 2020VL1 धरती और चांद के बीच की दूरी से तीन गुना ज्यादा बड़ा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ ऐरिजोना की लीड साइंटिस्ट डान्टे लॉरेटा ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि इस मिशन को पूरा कर लिया गया है। स्पेसक्राफ्ट ने हर वह चीज की जो उसे करनी थी। Osiris-Rex ने Bennu पर टचडाउन की पुष्टि 20 करोड़ मील दूर से की जिसके बाद मिशन टीम खुशी से उछल पड़ी। Osiris-Rex सैंपल के साथ साल 2023 में लौटेगा। Osiris-Rex को पहले ही ग्राउंड कंट्रोल ने कमांड दे दी थीं। इससे उसने करीब 4.5 घंटे में अपनी कक्षा से Bennu की सतह पर पहुंचा। उसके रुकने के लिए 510 मीटर के Bennu में पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण नहीं है। इसलिए उसने पूरी तरह लैंड होने की जगह 3.4 मीटर की रोबॉट आर्म को सतह पर पहुंचाया और कम से कम 60 ग्राम सैंपल इकट्ठा करने की कोशिश की।

OSIRIS-REx दो साल से Bennu के चक्कर काट रहा है और स्पेस रॉक्स के मूवमेंट को ऑब्जर्व कर रहा है। ह Nightingale नाम के क्रेटर पर स्पाइरल करते हुए उतरा जहां इसके उतरने के लिए सिर्फ 8 मीटर चौड़ा एक क्षेत्र था। Nightingale क्रेटर भी सैंपल के लिहाज से बेहद अहम है। यहां महीने धूल, कंकड़-पत्थर हैं जो ज्यादा वक्त के लिए आसपास के पर्यावरण के संपर्क में नहीं आए हैं।

पहले से तय कमांड के मुताबिक कुछ सेकंड में Osiris की आर्म के छूने से क्रेटर की धूल नाइट्रोजन गैस के ब्लास्ट से उड़ेगी और सैंपलिंग हेड में इकट्ठा हो जाएगी। वैज्ञानिकों को कम से कम 60 ग्राम सैंपल चाहिए। अगर यहां इतनी धूल नहीं मिली तो 30 अक्टूबर को फैसला किया जाएगा कि आगे क्या करना है। दूसरी कोशिश बैकअप साइट Osprey पर जनवरी 2021 के बाद ही की जा सकेगी।

इसके लाए सैंपल की मदद से वैज्ञानिक सोलर सिस्टम की शुरुआत के बारे में स्टडी करेंगे। धरती पर जीवन कैसे शुरू हुआ, इसके रहस्य भी ये सैंपल खोल सकते हैं। दरअसल, कई रिसर्चर्स का मानना है कि धरती से ऐस्टरॉइड्स की टक्कर की वजह से ही यहां जीवन पैदा हुआ था। NASA के अधिकारी ऐस्टरॉइड्स को 'टाइम कैप्सूल' कहते हैं क्योंकि वह ग्रहों के साथ ही बचे हुए मटीरियल से बने थे।

किन ऐस्टरॉइड्स से खतरा

अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं। NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।

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