विज्ञान

अंतरिक्ष से फ्रांस पर गिरी मुसीबत, रात में हो गया दिन जैसा नजारा , जानिए ?

Teja
14 Feb 2023 10:43 AM GMT
अंतरिक्ष से फ्रांस पर गिरी मुसीबत, रात में हो गया दिन जैसा नजारा , जानिए ?
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पेरिस। उत्तरी फ्रांस में विशाल उल्कापिंड दिखाई देने से रात में दिन जैसा नजारा हो गया। रात में अगर अचानक दिन जैसी रोशनी हो जाए तो वह किसी मुसीबत का संकेत ही मानी जाती है। फ्रांस के ऊपर से सोमवार की सुबह ऐसी ही एक बड़ी मुसीबत गुजरी है। उत्तरी फ्रांस के आसमान में रात को एक उल्कापिंड यानी एस्टेरॉयड दिखाई दिया, जिससे रात में दिन जैसा नजारा हो गया। कई लोगों ने इसे गिरते हुए उल्कापिंड का वीडियो बना लिया। इस उल्कापिंड के गिरने की संभावना पहले ही जता दी गई थी। अंतर्राष्ट्रीय उल्का संगठन के अनुसार उल्कापिंड का नाम एसएआर-2667 (सीएक्स-1) है। अंतर्राष्ट्रीय उल्का संगठन ने इस उल्कापिंड के गिरने की पुष्टि की है।

ट्विटर पर कहा गया कि 13 फरवरी को 2 बजकर 59 मिनट यानी भारतीय समयानुसार 8.29 बजे सुबह धरती के वायुमंडल में सीएक्स-1 दाखिल हुआ। उल्का संगठन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि चंद्रमा के करीब एक बेहद चमकदार रोशनी देखी गई। उल्कापिंड अपने संभावित समय पर ही आग का गोला बनकर गिरा है। दर्जनों लोगों ने इसे देखा है। इस उल्कापिंड के आने की भविष्यवाणी पहले ही कर दी गई थी। यह एक मीटर के व्यास का था, जो धरती के लिए खतरा नहीं था, लेकिन जब यह लोगों के ऊपर से गुजरा तो उनमें दहशत पैदा हो गई।यह उल्कापिंड फ्रांस के रूएन के आसमान में दिखा है, लेकिन कई रिपोर्ट्स का दावा है कि बेल्जियम, नीदरलैंड, उत्तरी फ्रांस और दक्षिणी इंग्लैंड से भी इसकी रोशनी देखी जा सकती थी।

यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसके लिए पहले ही वार्निंग दे दी थी। पृथ्वी के वायुमंडल में आते ही यह उल्कापिंड टूटकर बिखरने लगा। देखते ही देखते ऐसा लग रहा था जैसे आसमान से कोई आग का गोला गिर रहा हो। इसे लेकर पहले ही वॉर्निंग दी गई थी, जिसके कारण कई लोग अपना कैमरा लेकर तैयार थे। लोगों ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।यह उल्कापिंड खगोलविदों के लिए भी महत्वपूर्ण था। ऐसा इसलिए क्योंकि यह 7वां उल्कापिंड है, जिसके बारे में पृथ्वी पर टकराने से पहले ही पता चल गया हो। यह दिखाता है कि उल्कापिंड का पता लगाने की क्षमताओं में विकास हुआ है। पिछली बार 19 नवंबर 2022 को कनाडा के टोरंटो में उल्कापिंड के गिरने से ठीक चार घंटे पहले बता दिया गया था। डायनासोर का खात्मा पृथ्वी पर उल्कापिंड की टक्कर से हुआ था। इंसान नहीं चाहते कि ऐसा उनके साथ हो, इसलिए वह उल्कापिंड का पता लगाने और उनसे बचने के तरीकों पर शोध कर रहे हैं।

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