विज्ञान

संक्रमण से बचने के लिए मधुमक्खियां भी करती हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

Rani Sahu
31 Oct 2021 6:03 PM GMT
संक्रमण से बचने के लिए मधुमक्खियां भी करती हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
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संक्रमण से बचने के लिए इंसानों की तरह मधुमक्खियां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करती हैं

संक्रमण से बचने के लिए इंसानों की तरह मधुमक्खियां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करती हैं। छत्ते में किसी परजीवी का संक्रमण होने पर ये एक-दूसरे से दूरी बनाने लगती हैं। यह दावा यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और इटली की ससारी यूनिवर्सिटी की रिसर्च में किया गया है।

रिसर्च कहती है, वेरोआ नाम के परजीवी के छत्ते में पहुंचने पर मधुमक्खियां एक-दूसरे से अलग होना शुरू कर देती हैं। रिसर्च के दौरान ऐसा होने पर संक्रमण के मामलों में कमी भी देखी गई।
कितना खतरनाक है छत्ते में होने वाला संकमण
शोधकर्ता डॉ. अलेक्सेनड्रो सिनी के मुताबिक, वेरोआ माइट के छत्ते में पहुंचने पर वायरस के फैलने का खतरा भी बढ़ता है। यह जीव छत्ते में पांच तरह के वायरस फैला सकता है जो मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनी को तबाह कर सकता है। दुनियाभर में यह जीव मधुमक्खियों की कॉलोनी को तबाह करने के लिए जाना जाता है।
यह जीव कितना खतरा फैलाता है इसे समझने के लिए अलग-अलग मधुमक्खियों के छत्तों की तुलना भी की गई। रिसर्च कहती है, मधुमक्खी दूसरी मधुमक्खियों को खाने का पता बताने के लिए खास तरह का डांस करके समझाती हैं। इसी डांस के जरिए संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है।
रिसर्च के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए संक्रमित मधुमक्खियों के व्यवहार पर नजर रखी गई।
रिसर्च के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए संक्रमित मधुमक्खियों के व्यवहार पर नजर रखी गई।
ऐसे हुई रिसर्च
मधुमक्खियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पता लगाने लिए वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग किया।
वैज्ञानिकों ने 12 मधुमक्खियों के एक ग्रुप को कृत्रिम रूप से संक्रमित किया।
इसके बाद इन मधुमक्खियों के व्यवहार की तुलना स्वस्थ मधुमक्खियों से की गई।
रिपोर्ट में सामने आया कि संक्रमण के बाद ये दूरी बनाना शुरू कर देती हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग समझने का बेहतरीन मॉडल
बीच के मुकाबले संकमण छत्ते के किनारे से शुरू होता है। इसलिए धीरे-धीरे मधुमक्खियां सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए संक्रमण से बचने के लिए छत्ते के बीच में जाने लगती हैं।
ससारी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मिशेलिना पुसेड्डू कहते हैं, मधुमक्खियों की कॉलोनी सोशल डिस्टेंसिंग को समझने का एक बेहतरीन उदारहण है। जो बीमारी को रोकने के साथ उनके बिहेवियर में भी बदलाव लाती है।
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