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विज्ञान
ज्यादा रेड मीट खाने वालों में इन गंभीर बीमारियों का खतरा अधिक: अध्ययन
Gulabi Jagat
27 March 2022 1:03 PM GMT
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अध्ययन की खबर
शरीर के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए आहार में कई तरह के पोषक तत्वों वाली चीजों को शामिल करने का सलाह दी जाती है। प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ आपको स्वस्थ रखने के साथ कई तरह की बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में मदद करते हैं। पौष्टिकता वाले आहार के बारे में सोचते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहला ख्याल मांसाहार का आता है। अध्ययन भी इसकी पुष्टि करते हैं कि पशुओं पर आधारित आहार में प्रोटीन और विटामिन्स की मात्रा अधिक होती है। पर इसमें भी कुछ चीजों को लेकर आपको विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, विशेषकर रेड मीट के अधिक सेवन से।
रेड मीट को वैसे तो प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। इसके सेवन से शरीर में कई ऐसे पोषक तत्वों की आसानी से पूर्ति की जा सकती है, जिसकी पौधों पर आधारित खाद्यों से प्राप्ति काफी कठिन मानी जाती है। पर अधिक मात्रा में रेड मीट के सेवन की आदत आपकी मुश्किलें भी बढ़ा सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रेड मीट का अधिक सेवन करने वाले लोगों में कई तरह की गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, ऐसे में इसका नियंत्रित सेवन ही किया जाना चाहिए। आइए आगे की स्लाइडों में रेड मीट से सेहत को होने वाले ऐसे ही कुछ जोखिमों के बारे में जानते हैं।
हृदय रोगों का खतरा
अध्ययनों से पता चलता है कि रेड मीट का अधिक सेवन करने वाले लोगों में हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। रेड और प्रोसेस्ड दोनों तरह के मीट के सेवन को हृदय रोग और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जोड़कर देखा जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि रेड मीट का अधिक सेवन करने वाले लोगों में गट बैक्टीरिया कम हो जाते हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों में रक्त के थक्के बनने और धमनियों के अवरुद्ध होने का जोखिम भी काफी अधिक हो सकता है, जो हृदय रोगों का प्रमुख कारण मानी जाती है।
रेड मीट और कैंसर का जोखिम
कुछ अध्ययनों में पता चलता है कि रेड मीट बृहदान्त्र और मलाशय के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। प्रोस्टेट और अग्नाशय के कैंसर के लिए भी इसके अधिक सेवन को जोखिम कारक के तौर पर देखा जाता है। कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए लोगों को रेड मीट की जगह चिकन और पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन पर ध्यान देना चाहिए।
मधुमेह रोगियों की बढ़ सकती है परेशानी
कम मात्रा में भी रेड मीट का लगातार सेवन करने की आदत मधुमेह का खतरा बढ़ा सकती है। साल 2020 के एक अध्ययन से पता चला है कि हर दिन सिर्फ 50 ग्राम रेड मीट खाने से मधुमेह का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, मधुमेह वाले लोगों को प्रोसेस्ड मीट के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। रेड मीट ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
एलर्जी की समस्या
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रेड मीट और जानवरों पर आधारित खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन के कारण कुछ लोगों में अल्फा-गैल सिंड्रोम नामक एलर्जी की समस्या हो सकती है। अध्ययनों में इस एलर्जी को कुछ स्थितियों में जानलेवा भी बताया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रेड मीट खाने के बाद यदि आपको किसी भी तरह की दिक्कतों का अनुभव होता है तो इससे परहेज करना चाहिए।
स्रोत और संदर्भ
अस्वीकरण: संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए है। जनता से रिश्ता लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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