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विज्ञान
ये शार्क 5 बाइट में खा सकती थी व्हेल जितना बड़ा जीव, जानें इसके बारे में
Gulabi Jagat
19 Aug 2022 3:49 PM GMT
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शार्क (shark) को समुद्र के सबसे खतरनाक जीवों में से एक माना जाता है। यह विशाल मछली पलभर में अपने शिकार को खत्म कर सकती है। अब एक नई रिसर्च से पता चला है कि समुद्र में लाखों साल पहले घूमने वाली व्हेल से भी बड़ी एक शार्क मेगालोडन (megalodon) सिर्फ 5 बाइट में व्हेल के आकार के क्रिएचर को खा सकती थी। यह विशाल शार्क जब अपना पेट भर लेती थी, तो फिर महीनों तक समुद्र में घूम सकती थी। रिसर्चर्स ने मेगालोडन का 3D मॉडल बनाकर यह निष्कर्ष निकाला है। मॉडल तैयार करने के लिए उन्होंने मछली के जीवाश्म का भी उपयोग किया।
यह स्टडी साइंस एडवांसेज जर्नल में पब्लिश हुई है। इसके मुताबिक, नाक से पूंछ तक मेगालोडन लगभग 50 फीट (16 मीटर) की थी। इसका साइज एक स्कूल बस से भी बड़ा था। यह आज पाई जाने वालीं सफेद शार्क से आकार में लगभग दो से तीन गुना बड़ी थी। मेगालोडन के जबड़े बहुत बड़े थे, जिस वजह से वह आसानी से बाकी जीवों को खा जाती थी।
इस विशाल मछली को लेकर कई और बातें शोध में सामने आई हैं। पता चला है कि मेगालोडन एक शानदार तैराक थी। इसकी गति आज की शार्क की तुलना में तेज थी और यह आसानी से कई महासागरों में माइग्रेट हो सकती थी। स्टडी के सह-लेखक जॉन हचिंसन ने कहा कि यह एक सुपरप्रिडेटर रहा होगा। इसके आकार से मेल खाने वाला कोई जीव नहीं है। स्टडी के लेखक कैटालिना पिमिएंटो ने कहा कि उन्होंने शार्क का 3डी मॉडल बनाने के लिए जीवाश्म का इस्तेमाल किया। इनमें शार्क के कशेरुक (vertebrae) का रियर कलेक्शन भी है जो 1860 के दशक से बेल्जियम संग्रहालय में है। रिसर्चर्स का अनुमान है कि मेगालोडन का वजन लगभग 70 टन या 10 हाथियों जितना रहा होगा।
पिमिएंटो के अनुसार यह विशाल शार्क अपने जबड़े को लगभग 6 फीट (2 मीटर) तक खोल सकती रही होगी। अनुमान है कि इनकी मौजूदगी 23 मिलियन से 2.6 मिलियन वर्ष तक थी। मेगालोडन के जीवाश्म बेहद दुर्लभ हैं, इसलिए इस प्रकार के 3डी मॉडलों कुछ चीजें अनुमानों पर होती हैं। स्टडी से अनुमान लगाय जा सकता है कि मेगालोडन जब समुद्र में तैरती होगी, तो उसके आसपास बाकी जीव भटकते भी नहीं होंगे। दुनिया के हर समुद्र में इनकी मौजूदगी बताई जाती है, लेकिन यह कैसे खत्म हो गई, इसके बारे में कोई सटीक तथ्य मौजूद नहीं है। पर ज्यादा अनुमान क्लाइमेट चेंज को लेकर ही लगाया जाता है।
Gulabi Jagat
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