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- अंतरिक्ष में गीला...
धरती पर गुरुत्वाकर्षण है यही वजह है कि यहां जीवन भी है और स्थिरता भी. सब कुछ अपनेआप ज़मीन से जुड़ जाता है. हीलियम वाले गुब्बारों के अलावा सब कुछ ज़मीन की ओर ही आकर्षित होता है. तभी हम चल पाते हैं, वरना अंतरिक्ष की ही तरह हवा में गोते लगाते रहते. धरती के अलावा अब तक किसी और ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण यानि कि ग्रैविटी का पता नहीं चला है यही वजह है कि जब भी वैज्ञानिकों की टीम स्पेस में पहुंचती है तो जारी तस्वीरों में सब हवा में उड़ता ही नज़र आता है.
जो लोग स्पेस की सैर नहीं कर पाते उन सभी में वहां के जीवन और कॉम्प्लिकेशन्स के बारे में जानने की उत्सुकता रहती है. इसी कड़ी में ट्विटर पर जारी एक वीडियो वायरल हो रहा है जहां अतंरिक्ष की कुछ ऐसी तस्वीरें शेयर की गई जिसे देखना हर किसी के लिए मज़ेदार होगा. @wonderofscience अकाउंट पर जारी एक वीडियो में दिखाया गया, कि अंतरिक्ष में गीले तौलिए को निचोड़ने पर कैसा नज़ारा होता है. नासा की तरफ से जारी किए गए वीडियो को तब बनाया गया, जब हाईस्कूल के बच्चों ने इससे संबंधित जानकारी चाही थी.
सीएसए अंतरिक्ष यात्री क्रिस हैडफील्ड ने ग्रेड 10 के छात्रों के सवाल के जवाब में ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया. सवाल था कि जब अंतरिक्ष में गीले तौलिए को निचोड़ते हैं तो क्या होता है? वीडियो को स्पेस स्टेशन में शूट किया गया. क्रिस हैडफील्ड ने पॉकेट से एक छोटी तौलिया निकाली और उसे पानी से भिगो दिया. फिर उसे अच्छे से निचोड़ दिया. लेकिन सबसे अच्छा नज़ारा वहीं था जब गीले तौलिए को दोनों तरफ से पकड़कर निचोड़ा गया. उम्मीद के विपरित तौलिए का पानी इधर उधर भागने की बजाय, उसी के इर्द-गिर्द बना रहा. पानी के बुलबलों ने तौलिए को चारों तरफ से घेर लिया. पारे की तरह ही पानी ने अपनी जगह नहीं छोड़ी, जबकि क्रिस हैडफील्ड के हाथ पूरी तरह गीले हो चुके थे.
एस्ट्रॉनॉट ने जो एक्सपेरिमेंट स्पेस स्टेशन में दिखाया उसे लॉकव्यू हाई स्कूल के ग्रेड 10 के छात्रों केंद्रा लेमके और मेरेडिथ फॉल्कनर ने डिजाइन किया गया था. और इस प्रयोग के साथ छात्रों ने राष्ट्रिय विज्ञान प्रतियोगिता भी जीती. जिसे कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने आयोजित किया था. ये वीडियो ट्विटर पर आने से पहले 2013 में यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था. जिसे 1 करोड़, 97 लाख से ज्यादा व्यूज़ मिले थे. वहीं ट्विटर पर भी इस वीडियो को 50 लाख से ज्यादा बार देखा गया.