विज्ञान

अगले 2 साल में 12 ऐस्ट्रोनॉट को मिशन पर भेजना चाहता है ये देश

Gulabi
7 March 2021 8:12 AM GMT
अगले 2 साल में 12 ऐस्ट्रोनॉट को मिशन पर भेजना चाहता है ये देश
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11 मिशन की तैयारी

पेइचिंग: अंतरिक्ष की रेस कभी रूस और अमेरिका के बीच हुआ करती थी। आज इसमें कई देश शामिल हो चुके हैं। जाहिर है, धरती पर जमीन से लेकर समुद्र तक में अपना प्रभुत्व साबित करने में लगा चीन स्पेस में भी पीछे नहीं रहना चाहता। इसी सपने को पूरा करने के लिए वह अगले दो साल में लंबी छलांग मारने की तैयारी में है। चीन 2023 तक 12 लोगों को स्पेस में भेजना चाहता है जो उसके स्पेस स्टेशन को बनाने का काम करेंगे।

11 मिशन की तैयारी
चीन के सीनियर ऐस्ट्रोनॉट और China Manned Space Program के डेप्युटी चीफ इंजिनियर यान्ग लिवेई ने शनिवार को बताया, 'इंसानों को स्पेस में भेजने के चीन के प्रोग्राम के तहत इस साल और अगले साल 11 मिशन भेजे जाएंगे। इसमें स्पेस स्टेशन के मेन मॉड्यूल का लॉन्च, एक्सपेरिमेंटल सेक्शन, एक स्पेसशिप और 12 ऐस्ट्रोनॉट्स को भेजना शामिल है।'
एक और रंगीन तस्वीर में मंगल का उत्तरी ध्रुव दिख रहा है। इनमें बादलों की तरह बर्फ की चोटियां दिख रही हैं जो रेत के टीले पर जमा हैं। तियानवेन-1 का रोवर मई या जून में सतह पर पहुंचेगा। अभी तक इसे कई नाम नहीं दिया गया है लेकिन यह सतह पर टचडाउन के बाद 90 दिन तक ऑपरेट करेगा। Tianwen-1 के मिशन में मंगल की बनावट और भूगोलिक संरचना को स्टडी करना शामिल है। इसके अलावा इसका चुंबकीय क्षेत्र, आइओनोस्फीयर और वायुमंडल भी स्टडी किया जाएगा।
तियानवेन के अलावा संयुक्त अरब अमीरात का ऑर्बिटर होप भी मंगल का चक्कर काट रहा है। इसका लक्ष्य है मंगल का पहला ग्लोबल वेदर मैप भी तैयार करना। ये मिशन इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले के रोवर मंगल के चक्कर ऐसे काटते थे कि वह दिन के सीमित वक्त में ही उसके हर हिस्से को मॉनिटर कर पाते थे। इससे अलग होप का ऑर्बिट अंडाकार है जिसे पूरा करने में इस रोवर को 55 घंटे लगेंगे। इसकी वजह से यह मंगल के हिस्सों पर दिन और रात में ज्यादा समय के लिए नजर रख सकेगा। मंगल के एक साल में यह हर हिस्से पर पूरे दिन नजर रखेगा।
वहीं, अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का रोवर Perseverance मंगल की सतह पर उतर चुका है और इसने अपना काम भी शुरू कर दिया है। लैंड होने के बाद रोवर ने अपने उपकरणों की जांच की। इसके अलावा इसके रोबॉटिक आर्म को भी हिला-डुलाकर देखा गया। जल्द ही यह सतह पर खोज का काम शुरू करेगा। इसके साथ गए हेलिकॉप्टर Ingenuity ने भी पहला संदेश धरती पर भेज दिया है। यह रोवर Jezero Crater पर जीवन के निशान ढूंढेगा जिसे मंगल पर प्राचीन जीवन का स्टोर कहा जाता है। माना जाता है कि यहां चट्टानों में जीवन के निशान कैद मिल सकते हैं।
2022 में स्पेस स्टेशन की तैयारी
चीन के सेंट्रल टेलिविजन के मुताबिक यान्ग देश के युवाओं को स्पेस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने वादा किया है कि भविष्य में स्पेस में जाने के और ज्यादा मौके पैदा किए जाएंगे। चीन ने पिछले अक्टूबर में ऐस्ट्रोनॉट्स का तीसरा रिक्रूटमेंट कैंपेन पूरा किया है जिसमें 17 पुरुष और एक महिला को शामिल किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य चीनी स्पेस स्टेशन को बनाना है। चीन इसे 2022 में शुरू करना चाहता है।
11 ऐस्ट्रोनॉट भेजे गए स्पेस
पहले और दूसरे कैंपेन में 1990 के दशक में 14 ऐस्ट्रोनॉट और 2010 में 7 ऐस्ट्रोनॉट रिक्रूट किए गए थे। हालांकि, इनमें से सिर्फ 11 ही स्पेस में गए। इनमें से ज्यादातर मिलिट्री बैकग्राउंड से थे। स्पेस स्टेशन के निर्माण में इंजिनियरिंग की भी ज्यादा जरूरत है, इसलिए चीन ने अब सिविल प्रफेशनल्स को तीसरे कैंपेन में जोड़ने का काम शुरू कर दिया है।


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