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ईस्टर आइलैंड की ये मूर्तियां, एलियंस के साथ जोड़ा जाता है संबंध

Shiddhant Shriwas
12 Sep 2021 12:58 PM GMT
ईस्टर आइलैंड की ये मूर्तियां, एलियंस के साथ जोड़ा जाता है संबंध
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आज के रहस्य में हम जानेंगे ईस्टर आइलैंड की रहस्यमय Moai मूर्तियों के बारे में। कहा जाता है कि इन मूर्तियों का संबंध एलियंस के साथ था

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के रहस्य में हम जानेंगे ईस्टर आइलैंड की रहस्यमय Moai मूर्तियों के बारे में। कहा जाता है कि इन मूर्तियों का संबंध एलियंस के साथ था। ईस्टर आइलैंड प्रशांत महासागर में स्थित है। इस रहस्यमय द्वीप पर कई बेहद ही प्राचीन मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों को कौन बनाया था? और कैसे बनाया था? ये आज भी एक रहस्य का विषय है। इन मूर्तियों का निर्माण आखिर किसने किया होगा? इस सवाल को लेकर विशेषज्ञों की अलग अलग थ्योरीज हैं। हालांकि अब तक इस सवाल का कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है। इस वीरान टापू पर आपको कई ऐसी मूर्तियां देखने को मिलेंगी, जिनकी ऊंचाई करीब 7 मीटर है। पुराने समय में इतनी ऊंची और भारी मूर्तियों को बनाना उस वक्त के लोगों के लिए लगभग नामुमकिन था। इन्हीं सवालों का पता लगाने के लिए रिसर्चर्स इस वीरान टापू पर लंबे समय से मूर्तियों का अध्ययन कर रहे हैं। आइए जानते हैं इसके रहस्य के बारे में -

ईस्टर आइलैंड की सबसे बड़ी मूर्ति की ऊंचाई करीब 33 फीट है और उसका वजन करीब 75 टन के बराबर है। ये मूर्तियां करीब 1200 साल पुरानी हैं। इस वीरान टापू पर लंबे समय पहले रापा नुई लोग रहा करते थे। कुछ लोगों का मानना है कि इन विशालकाय मूर्तियों को उन्हीं रापा नुई लोगों ने बनाया था। हालांकि पुरानी मानव सभ्यता के लिए इन मूर्तियों को बनाना बड़ा मुश्किल काम था।

इस टापू की खोज साल 1722 में डच एडमिरल याकूब रोगेवीन द्वारा की गई थी। उस दौरान जब वे अपने तीन जहाजों के साथ इस टापू के नजदीक पहुंचे तो उनके दल को दूर से बहुत सारी ऊंची-ऊंची इंसानी आकृति दिखाई पड़ी। रोगेवीन और उनका दल जब जहाज से उतरकर टापू पर पहुंचा, तो उन्हें पत्थरों से बनी कई विशाल मूर्तियां देखने को मिलीं।

कई विशेषज्ञों का कहना था कि इन मूर्तियों को किसी इंसान ने नहीं बल्कि एलियंस ने बनाया था। उनके मुताबिक प्राचीन समय के लोगों के लिए इतने कठिन काम को करना लगभग नामुमकिन था। उस समय के लोगों के पास ऐसे कोई साधन नहीं थे, जो इतने भारी भरकम पत्थरों को इधर से उधर ले जा सकें।

इन मूर्तियों के रहस्य से हाल ही में पर्दा उठा है। मूर्तियों को किसी परग्रही लोगों ने नहीं बल्कि ईस्टर आईलैंड के प्राचीन आदिवासियों ने बनाया था। कुछ समय पहले यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के एक डॉक्टर ईस्टर आइलैंड की एक ज्वालामुखी के पास पहुंचे, तो उन्हें वहां पर अंदर छुपी कई खदानें मिलीं। डॉक्टर ने वहां पर मूर्ति को बनाने के कई अवशेषों को भी ढूंढा, जिनमें डलवा धातु की एक 7 इंच लंबी कुल्हाड़ी भी शामिल थी। ऐसे में इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि इन मूर्तियों को प्राचीन समय में वहां के मूल निवासियों ने बनाया था। ये मूर्तियां रापा नुई लोगों के लिए धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा हुआ करती थीं।

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