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कोरोना वायरस के कारण ये साल लगभग सभी के लिए कम कामकाज वाला ही रहा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस के कारण ये साल लगभग सभी के लिए कम कामकाज वाला ही रहा. लोगों ने कोशिश तो बहुत की सारे काम वैसे हो जैसे पहले हुआ करते थे. लेकिन इस बीमारी ने लोगों की रफ्तार को धीरे ही रखा. लेकिन कुछ सेक्टर की जिम्मेदारी इस दौरान बढ़ी भी जिसमें डाक्टर, पुलिकर्मी , मीडियाकर्मी और सफाईकर्मी शामिल है. वहीं अंतरिक्ष की दुनिया में भी बहुत से बड़ी उपलब्धियों को हासिल किया गया. बता दें कि अमेरिकी की धरती से करीब एक दशक बाद अंतरिक्ष यात्रियों का उड़ना और चंद्रमा और एक क्षुद्रग्रह से मिट्टी के नमूनों का धरती पर आना ऐसी उपलब्धियां रहीं जो 2020 को ऐतिहासिक बना गई हैं.
(1) ऐतिहासिक क्यों रही ये उड़ान –दरअसल इस साल 2020 में लगभग एक दशक बाद अमेरिका की धरती से एस्ट्रोनट्स अंतरिक्ष में गए. इसके अलावा भी यह उड़ान ऐतिहासिक थी क्योंकि यह पहली उड़ान थी जिसमें प्राइवेट सेक्टर की पूरी भूमिका थी. ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकारी स्पेस एजेंसी नासा ने उड़ान का ठेका निजी व्यवसायिक क्षेत्र को सौंपा हो. जिसके जरिए दो अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजा गया और उन्हें वापस भी लाया गया.
(2) पर्सवियरेंस रोवर लॉन्च नासा की बड़ी उपलब्धियों में शामिल
नासा का पर्सवियरेंस रोवर लॉन्च इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है. बता दें कि नासा के पिछले मंगल ग्रह के रोवर के विपरीत यह मंगल ग्रह पर नासा के वहां पर इंसान भेजे जाने वाले अभियान संबंधी प्रयोग करेगा. यह अत्याधुनिक रोवर अगले साल फरवरी में मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा. इसमें मंगल पर ऑक्सीजन के निर्माण संबंधी प्रयोग अहम है.
(3) क्या है तियानवेन-1 मिशन ?
नासा का पर्सिवियरेंस के पहले चीन ने अपना महत्वाकांक्षी तियानवेन-1 मिशन 23 जुलाई 2020 को प्रक्षेपित कर दिया था. यह अपने तरह का अनोखा और दुनिया का एकमात्र मिशन है जिसमें ऑर्बिटर, रोवर और लैंडर तीनों एक साथ भेजे गए हैं. अगर यह अभियान सफल होता है तो ऐसा करने वाला चीन पहला देश होगा.
(4) 2020 की एक और बड़ी उपलब्धि यूएई के नाम कैसे ?
इस साल एक और बड़ी उपलब्धि यूएई के नाम रही जिसने मंगल के लिए अपना अंतरिक्ष यान होपा को जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से एच2ए नाम के रॉकेट से प्रक्षेपित किया. यह मंगल की कक्षा में स्थापित होकर मंगल की जलवायु और मौसम का अध्ययन करेगा. यूएई की 100 सालों में मंगल तक इंसानों की पहुंचाने की योजना है.
(5) चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने में सफलता मिली
चीन ने इस साल अपने चांग-ई-5 अभियान के जरिए चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने में सफलता हासिल की है. चांग'ई-5 दो किलोग्राम के नमूने लेकर लौटा है. इससे पहले चंद्रमा से नमूने 44 साल पहले सोवियत संघ पृथ्वी पर नमूने लाया था. चीन ने ये नमूने चंद्रमा के यह ओसीनस प्रोसेलारम क्षेत्र से हासिल किए हैं जो एक लावा का मैदान है.
(6) अंतरिक्ष यान हायाबुसा-2 की कामयाबी
जापानी अंतरिक्ष यान हायाबुसा-2 ने ड्यूगू क्षुद्रग्रह से मिट्टी के नमूने लाने में सफलता हासिल की है. 6 साल के इस अभियान में हायाबुसा ने दो बार नमूने जमा किए और उसने नमूनों का कैप्सूल पृथ्वी पर गिरा दिया जिसके बाद वह आगे के अभियान के लिए निकल गया जबकि नमूने के कैप्सूल ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में गिरा जहां से वह जापान अध्ययन के लिए पहुंच चुका है और वैज्ञानिकों इसका अध्ययन भी शुरू कर दिया है.
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