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ब्रह्माण्ड (Universe में कई रहस्यों की चाबी गैलेक्सी (Galaxy) की अनेक प्रक्रियाओं में छिपी है
ब्रह्माण्ड (Universe में कई रहस्यों की चाबी गैलेक्सी (Galaxy) की अनेक प्रक्रियाओं में छिपी है. इनका अपने बाहर के पिंडों यानी दूसरी गैलेक्सी से अंतरक्रियाएं भी कम नहीं होती हैं. गैलेक्सी के दूसरे तंत्रों से विलय और टकराव की प्रक्रियाओं के जरिए गैलेक्सी के विकास प्रक्रिया की जानकारी हासिल करना आधुनिक ब्रह्माण्डविज्ञान की सबसे प्रमुख पहलुओं में से एक है. ब्रह्माण्ड में भी हमारे पास हमारी अपनी गैलेक्सी मिल्की वे (Milky Way) के अलावा किसी और गैलेक्सी का इतनी स्पष्ट जानकारी नहीं है. लेकिन इसके पास की गैलेक्सी से अंतरक्रियाएं काफी कुछ जानकारी देने वाली हैं.
बौनी गैलेक्सी से टकराव
फिलहाल हमारे एक नजदीकी पड़ोसी सैजिटैरियस बौनी गैलेक्सी खिंचाव से टूट रही है तो दो अन्य बौनी गैलेक्सी आने वाले समय में टकराने वाली हैं. बौनी गैलेक्सी जिसे ड्वार्फ गैलेक्सी कहते है, वे गैलेक्सी होती हैं जिनका भार मिल्की वे जैसी सामान्य सर्पिल गैलेक्सी का एक प्रतिशत ही होता है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि ऐसी दो बौनी गैलेक्सी मिल्की वे में समाने वाली हैं.
पुरानी जानकारी भी
विशाल और लघु मैगेलैनिक क्लाउड्स नाम की इन बौनी गैलेक्सी का भार क्रमशः मिल्कीवे के तारकीय भार के एक और 0.7 प्रतिशत है. इन गैलेक्सी के अलावा दूसरे वैश्वक समूहों के प्रवाह के प्रभाव भी विलयों से पहले दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं मिल्कीवे की तारों की स्थिति और गतियों के अध्ययन से और पुराने विलयों की जानकारी हासिल की जा सकती है. ये तारे ऐसे हैं जो एक लाख प्रकाशवर्ष के दायरे में फैले हैं और 10-12 अरब साल पुराने हैं.
गाइगा यान के आंकड़ों का उपयोग
वहीं एंड्रोमीडा गैलेक्सी जो मिल्की वे के सबसे करीब एक बड़ी गैलेक्सी है, इन बौनी गैलेक्सी से करीब 10 गुना ज्यादा दूरी पर है. इसके साथ विलय की उम्मीद 5 अरब सालों के बाद की जा रही है. शोधकर्ताओं ने 2013 में प्रक्षेपित हुए गाइगा अंतरिक्ष यान के नतीजों का उपयोग किया जिसका उद्देश्य मिल्की वे गैलेक्सी के एक प्रतिशतहिस्सा का सर्वे करते हुए उसका त्रिआयामी नक्शा बनाना है.
पिछले विलय की जानकारी
शोधकर्ताओं ने गाइगा के नतीजों को हमारी गैलेक्सी के बाहर के इलाके के नए सर्वे से मिलाया जो एच3 सर्वे के 6.5 मीटर के एमएमटी टेलीस्कोप के अवलोकन से मिले थे. इन आंकड़ों को मिलाकर उन्होंने मिल्की वे के इतिहास की जानकारी अभूतपूर्व तरह से जोड़ी और गैलेक्सी के पिछले विलय की जानकारी हासिल की.
कब हुआ था यह विलय
शोधकर्ताओं को मिले प्रमाण इस बात की स्पष्टता से रेखांकित करते हैं कि एक बौनी गैलेक्सी का मिल्की वे के साथ 8-10 अरब साल पहले विलय हुआ था. यह गैलेक्सी के समयावधियों के लिहाज से 'हाल" ही में हुई घटना मानी जा सकती है. इस गैलेक्सी को गाइगा-सॉसेज एनसेलेडस (GSE) नाम दिया गया है.
कई सवालों के नहीं मिले थे जवाब
आज इस गैलेक्सी का जो हिस्सा बचा है, उसी के आधार शोधकर्ताओं ने इस विलय का पता लगाया है. फिर भी वैज्ञानिक यह सुनिश्चित नहीं कर सके कि क्या जीएसई का हमारी गैलेक्सी से सीधा टकराव हुआ था यहा फिर टकराव से पहले यह मिल्की वे का चक्कर लगा रही थी. अगर ऐसा था तो उसकी कक्षा किस प्रकार की थी. उन्होंने इस तरह के सवालों का जवाब खोजने के लिए मॉडलिंग का सहारा लिया.
शोधकर्ताओं ने अवलोकित तारों का का मापन कर सिम्यूलेशन तैयार किया. उन्होंने दर्शाया कि जीएसई में करीब आधे अरब की संख्या में तारे मौजूद थे और वह मिल्की वे का चक्कर नहीं लगा रहा था. बल्कि वह पीछे की ओर आ रहा था यानि कि गैलेक्सी के घूमने की दिशा की विपरीत दिशा में. शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष भी निकाला की मिल्की वे का आधा तारकीय हालो और 20 प्रतिशत डार्क मैटर इसी गैलेक्सी का है. पूरे अध्ययन से इस इतिहास की और भी जानकारी मिलने की संभावना है.
Rani Sahu
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