विज्ञान

पूरे अमेरिका में मचा हड़कंप, अचानक गरुड़ पक्षियों की हो रही है मौत, हुआ ये खुलासा

jantaserishta.com
8 April 2021 8:21 AM GMT
पूरे अमेरिका में मचा हड़कंप, अचानक गरुड़ पक्षियों की हो रही है मौत, हुआ ये खुलासा
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पूरे अमेरिका में गोल्डन ईगल यानी गरुड़ पक्षियों की मौत हो रही है. इनमें से 80 फीसदी गरुड़ पक्षियों की मौत चूहों के जहर से हुई है. उनके खून में इस जहर के विषाक्त रसायन मिले हैं. साल 2014 से 2018 तक अमेरिका में 303 गोल्डन ईगल और बाल्ड ईगल की मौत हुई है. वैज्ञानिक इस आंकड़े से काफी परेशान हैं. वहीं, जीव विज्ञानियों की मानें तो मौत का ये लक्षण पर्यावरण के लिए सही नहीं है. या तो इन्हें ये जहर देकर मारा जा रहा है, या फिर इन्हें किसी और माध्यम से ये जहर मिल रहा है.

जॉर्जिया यूनिवर्सिटी (Georgia University) के पक्षी विज्ञानी मार्क रूडर ने कहा कि अमेरिका में 303 गोल्डन ईगल (Golden Eagles) और बाल्ड ईगल (Bald Eagles) चूहों के जहर से मारे गए हैं. ये मौतें साल 2014 से लेकर 2018 के बीच हुई हैं. मार्क रूडर ने कहा कि कुछ मौतों का तो खुलासा ही नहीं हो पा रहा है ये गरुड़ पक्षी कैसे मरे.
मार्क रूडर ने कहा कि उन्होंने अमेरिका से आए 133 गरुड़ों के शवों की जांच की. इनमें से 82 फीसदी गरुड़ों के शवों में चूहों के जहर मिलने की पुष्टि हुई है. इनके शरीर में एंटीकॉगुलेंट रोडेंटीसाइड (Anticoagulant Rodenticide) मिले हैं. ये जहर आमतौर पर ओपोसम्स (Opossums) और बीवर्स (Beavers) में भी पाया जाता है. ये गरुड़ पक्षी अक्सर इन जीवों का शिकार भी करते हैं.
मार्क रूडर ने बताया कि इस समय अमेरिका में सेकेंड जेनरेशन के एंटीकॉगुलेंट रोडेंटीसाइड (Anticoagulant Rodenticide) मिल रहे हैं. ये इतने विषाक्त होते हैं कि खाने के बाद भी कई महीनों तक सक्रिय रहते हैं. इन्हें अमेरिकी पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी ने साल 2011 से सिर्फ कॉमर्शियल उपयोग के लिए प्रतिबंधित कर रखा है. इसके बावजूद इन गरुड़ों की मौत इस जहर से हो रही है, ये चिंता की बात है.
आमतौर पर गरुड़ (Eagle) मरे हुए जीवों को खाते हैं. या फिर चूहे, नेवले, बीवर्स जैसे जीवों का शिकार करते हैं. इन छोटे जीवों के शरीर में ये जहर आमतौर पर मिल जाता है. यानी गरुड़ के खाने में ये जहर पहुंच जाता है. मार्क ने कहा कि अभी यह बात स्पष्ट नहीं है कि इस जहर की वजह से गरुड़ों के शरीर पर किस तरह का असर पड़ता है. क्या इनकी प्रजनन क्षमता कम होती है. या फिर ये अन्य तरह के सेहत संबंधी नुकसान को झेलते हैं.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के एक्सपर्ट गार्थ हेरिंग्स ने कहा कि अगर पूरे अमेरिका से मिले सैंपल्स से ये बात पुख्ता होती है कि गरुड़ों (Eagles) की मौत का जिम्मेदार चूहों का जहर है तो बड़ी बात है. ये कोई स्थानीय मामला नहीं है. ये पूरे देश का मामला है. इसकी वजह से इन खूबसूरत जीवों की प्रजाति खतरे में आ जाएगी. इन्हें बचाने के लिए अमेरिकी सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने होंगे.
मार्क रूडर कहते हैं कि उनकी स्टडी और गरुड़ के शवों के परीक्षण से मिली जानकारी के मुताबिक ये बेहद चिंताजनक स्थिति है. क्योंकि गरुड़ जैसे जीव वैसे ही विलुप्त होने की कगार पर हैं. विषाक्त पेस्टीसाइड DDT की वजह से पहले ही पक्षियों के अंडों की बाहरी परत पतली होने लगी है. अग अगर चूहों के जहर की मात्रा इन पक्षियों में बढ़ने लगी तो दिक्कत और बढ़ जाएगी.
मार्क ने कहा कि एंटीकॉगुलेंट रोडेंटीसाइड (Anticoagulant Rodenticide) में इन दिनों लेड (Lead) और ब्रोमाइड की मात्रा भी बढ़ी हुई मिल रही है. बाल्ड और गोल्डन ईगल के शरीर में इन रसायनों की मात्रा में इजाफा देखा गया है. इसकी वजह से या तो ये कमजोर हो रहे हैं. या फिर धीरे-धीरे करके इनकी मौत हो जा रही है.


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