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पटाखों के धुएं फेफड़ों को पहुंचा सकता हैं गंभीर नुकसान, जाने कैसे रहें सुरक्षित?
दीया, मोमबत्ती, पटाखे और मिठाइयां, यह सभी चीजें दीपावली के उत्सव को खास बनाती हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, खुशियों के इस त्योहार में सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर भी विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दीपावली के पटाखों के कारण वातावरण में स्वाभाविक रूप से ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, यह दोनों सेहत को लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। पटाखों के जलने से निकलने वाला धुआं, अस्थमा, हृदय और सांस के रोगियों के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है।
अध्ययनों से पता चलता है पटाखों से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने के कारण दीर्घकालिक नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह फेफड़ों की तमाम बीमारियों को बढ़ाने के साथ गंभीर स्थितियों में फेफड़ों के डैमेज तक कर सकता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को दिवाली पर विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
अमर उजाला से बातचीत में पल्मोनरी रोगों के विशेषज्ञ डॉ अभिमन्यु वर्मा बताते हैं, दिवाली के दौरान भारी मात्रा में पटाखे, अगरबत्ती, मोमबत्ती जलने के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। यही कारण है दिल्ली जैसे शहरों में दीपावली के बाद बादल में धुंध जैसा छा जाता है। हवा की इस तरह की गुणवत्ता के संपर्क में लंबे समय तक रहने वाले लोगों में फेफड़ों से संबंधित रोगों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। पहले से बीमार लोगों के लिए यह और भी गंभीर हो सकता है।
हवा की खराब गुणवत्ता है नुकसानदायक
डॉक्टरों के मुताबिक पटाखों के धुंए के कारण बिगड़ी हवा की गुणवत्ता एलर्जी के रोगियों जैसे अस्थमा या सीओपीडी वाले लोगों के लिए और भी समस्याएं खड़ी कर सकता है। पटाखों से निकलने वाले धुएं में कई ऐसे हानिकारक रसायन होते हैं जो शरीर के अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि लोगों को दीपावली में सेहत को लेकर विशेष अलर्ट रहने की जरूरत होती है। पटाखों के धुएं से फेफड़ों को सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को बचाव के उपाय करते रहने चाहिए।
किन बातों का रखें ध्यान?
डॉ अभिमन्यु बताते हैं, पटाखों के कारण सेहत को होने वाले नुकसान से बचने के लिए सबसे आवश्यक है दीपावली के दिन सुरक्षात्मक उपायों का लगातार प्रयोग करते रहना। मास्क लगाकर रखने से वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी और पटाखों से निकलने वाले धुएं से सुरक्षित रहा जा सकता है। इसके अलावा जिन लोगों को सांस की समस्या है उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें जिससे आप धुंए से सुरक्षित रह सकें।
इन बातों का रखें ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वातावरण को साफ रखने के लिए मोमबत्ती और दीयों के बजाय, प्रकाश के लिए बिजली के स्रोतों का उपयोग करना अच्छा विकल्प हो सकता है। यह इनडोर वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक होता है। पटाखों को हमेशा खुले स्थानों पर दूर से जलाएं। पटाखे जलाते समय प्रदूषण रोधी मास्क पहनें साथ ही वृद्ध लोगों, अस्थमा, सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के रोगियों से इसे दूर रखें। बच्चों को हानिकारक और तेज आवाज करने वाले पटाखों से दूर रखें।