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भारत में लगभग हर परिवार में घरेलू कुकिंग गैस (Cookinig Gas) उसकी रसोई का हिस्सा है
भारत में लगभग हर परिवार में घरेलू कुकिंग गैस (Cookinig Gas) उसकी रसोई का हिस्सा है. यह गैस जिसे LPG भी कहते हैं. गैस सिलेंडर में भर कर घर घर सप्लाई की जाती है. इस गैस का उपयोग परंपरागत लकड़ी के चूल्हों की तुलना में पर्यावरण के ज्यादा अनुकूल माना जाता है. लेकिन एक अध्ययन ने पाया है कि इस गैस का उपयोग करने वाला गैस स्टोव या गैस चूल्हा (Gas Stove) हानिकारक भी हो सकता है. इस अमेरिकी शोध में बताया गया है कि इस गैस चूल्हे का उपयोग परिवार के स्वास्थ्य के साथ साथ परिवार और पर्यावरण दोनों को ही बहुत नुकसान पहुंचा सकता है.
घरेलू प्रदूषण का कारक
इस गैस को जलाने से स्टोव में से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड निकलती है जो इनडोर यानि घरेलू प्रदूषण के लिहाज से बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो सकता है. हाल ही में लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि इस तरह के उपकरणों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए, खास तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है.
सांस संबंधी समस्याएं
गैस स्टोव का उपयोग ना केवल श्वास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है बल्कि कुछ बच्चों में अस्थमा की बीमारी का कारण भी बन सकता है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि गैस स्टोव का उपयोग करते समय जरूरी सावधानी बरतना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है. यह घरेलू प्रदूषण केलिहाज से सबसे खतरनाक प्रदूषण की श्रेणी में माना जा सकता है.
क्या निकलता गैस जलने पर
गैस स्टोव आजकल एलपीजी और प्राकृतिक गैस या नेचुरल गैस पर चलते हैं जिनमें मीथेन जैसे हाइड्रोकार्बन होते हैं. आमतौर पर यह गैस हलकी होती है और धुंआ या कालिख के बिना जलती है. लेकिन इससे निकलने वाली गैस हमें दिखाई नहीं देती जिसमें नाइट्रोजन डाइऑक्साइड सबसे खतरनाक प्रदूषक होता है.
और खतरनाक हो जाता है अगर
यह प्रदूषण यानि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड उस समय ज्यादा खतरनाक हो जाती है जब रसोई में वेंटिलेशन सही तरह का नहीं होता है इससे गैस के जलने से पैदा होने वाली गैसें जिनमें नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के अलावा कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैस भी होती बंद कमरे में एक समस्या पैदा कर सकती है. इसके अलावा अगर रसोई ज्यादा बंद होती है और गैस जलाई जाए तो धीरे धीरे कार्बन डाइऑक्साइड की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड भी पैदा होने लगती है जो बहुत ही जहरीली गैस होती है.
और भी हैं स्रोत इस गैस के
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड ऐसी गैस है जो वातावरण में चारों ओर फैल है. एनवयार्नमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी के मुताबिक यह गैस ऊर्जा संयत्र से लेकर हर जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने वाले वाहन से निकलती है. इसके लिए दुनिया भर की सरकारों ने कई मानक स्थापित किए हैं जिससे वायुमंडल में इसकी मात्रा खतरनाक स्तर पर ना पहुंच सके.
और भी प्रदूषण वाले पदार्थ
रोचक बात यह है कि घर के अंदर के प्रदूषण के लिए नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के लिहाज से किसी तरह के कोई मानक स्थापित नहीं किए गए हैं. वहीं गैस स्टोव नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के अलावा और भी कई हानिकारक पदार्थ उत्सर्जित करता है जिसमें बेनजीन और पादर्थ के महीन कण शामिल हैं.
इतना ही नहीं कुकिंग गैस से सबसे ज्यादा निकलने वाली गैस कार्बन डाइऑक्साइड एक प्रमुक ग्रीन हाउस गैस है जो पर्यावरण के लिहाज से बहुत खतरनाक मानी जाती है. देखा यह गया है की नाइट्रोजन डाइऑक्साइड उन इलाकों में ज्यादाखतरनाक हो जाती जहां यह एक स्थान पर जमा हो जाती है. ऐसा शहरी वातावरण में ज्यादा होता है, लेकिन घर में ऐसी नौबत नहीं आए इसके लिए वेंटिलेशन जैसी सावधानी बरतना जरूरी है.
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