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इन चीजों की खेती कर रहे किसानों के लिए मुश्किल भरा है अगला महीना, कृषि वैज्ञानिक ने सलाह

Gulabi
22 Nov 2021 6:40 AM GMT
इन चीजों की खेती कर रहे किसानों के लिए मुश्किल भरा है अगला महीना, कृषि वैज्ञानिक ने सलाह
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ज्यादा नमी और बागों मे आवाजाही नहीं होने के कारण कीट मकोड़े पूरे पेड़ को ही बर्बाद कर रहे
डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (Dr Rajendra Prasad Central Agricultural University),पूसा, समस्तीपुर बिहार के प्रोफेसर (प्लांट पैथोलाजी) डाक्टर एस के सिंह ने टीवी9 डिजिटल को बताया कि किसान भाई अपने बागों के पेड़ में लगे जाल को गंभीरता से लें. नहीं तो पूरी फसल को यह कीट बर्बाद कर देगा. लगातार बारिश और जल जमाव वाले इलाके में सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. क्योंकि ज्यादा नमी और बागों मे आवाजाही नहीं होने के कारण कीट मकोड़े पूरे पेड़ को ही बर्बाद कर रहे हैं. पेड़ सूखने लगते हैं और अगली फसल में फल भी नहीं लगता.
बीते दो साल से वातावरण में भारी नमी की वजह से यह कीट(leaf weber) एक मुख्य कीट के तौर पर उभर रहा है. इससे फल के बागों को भारी नुकसान पहुंच रहा है.
आम,अमरूद एवं लीची के पत्तों वाले वेबर (ओरथागा यूरोपड्रालिस)(Orthaga Europadralis) के कारण होता है. . पहले यह कीट कम महत्त्व पूर्ण कीट माना जाता था, लेकिन विगत दो वर्ष से यह कीट बिहार में किसानों के लिए परेशानी बढ़ाने वाला सबसे प्रमुख कीट बन गया है.
दिसंबर तक हो जाता है खतरनाक
डाक्टर एस के सिंह के मुताबिक यह कीट वर्ष में जुलाई महीने से ही अति सक्रिय होता है और दिसंबर तक नुकसान पहुंचाता रहेगा. लीफ वेबर कीट (leaf weber insect ) पत्तियों पर अंडे देता है, जो एक सप्ताह के समय में हैचिंग (hatching) पर एपिडर्मल (epidermal) सतह को काटकर पत्तियों को खाता है, जबकि दूसरे इंस्टा लार्वा (insta larva) पत्तियों को बंद करना शुरू कर देते हैं और पूरे पत्ते को खाते हैं जो मिडरिब और नसों (midrib and nerves) को पीछे छोड़ते हैं. यह कीट उन बागों में ज्यादा देखने को मिलते है ,जो ठीक से प्रबंधित नही होते है. जिनमे कटाई छटाई नही होती है.
लीफ वेबर कीट का प्रबंधन
किसी भी उपकरण का उपयोग करके जाला को समय समय पर काटकर उसे जलाने से कीट की उग्रता में कमी आती है. यह कार्य नियमित अंतराल पर करते रहना चाहिए. इसके बाद, लैम्बाडायशोथ्रिन (lambdysothrin ) 5 ईसी (2 मिली / लीटर पानी) का छिड़काव करें. पहले स्प्रे के 15-20 दिनों के बाद दूसरा स्प्रे या तो लैम्ब्डासीलोथ्रिन 5 ईसी (2 मिली / लीटर पानी) या क्विनालफॉस( quinalphos)25 ईसी (1.5 मिली / लीटर पानी) के साथ छिड़काव करना चाहिए. यदि व्यवस्थित रूप से प्रबंधित बाग है, बी. तोरुंगीन्सिस (B.thurungensis) का स्प्रे करने की सलाह दी जाती है. किसान जैसे ही अपने बागों में जाला को देखे तो उसे काट कर हटा दें या फिर अधिक जानकारी हेतु आपने नजदीकी कीट वैज्ञानिक से संपर्क स्थापित करें. जहां से सही जानाकरी लेकर अपने बागों के बचाएं.
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